
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तर काशी में टनल हादसे में 41 जिंदगियों को बचाने के लिए गुरुवार को रेस्क्यू ऑपरेशन का 12वां दिन है। बचाव अभियान अंतिम फेज में पहुंच गया है। अंदर फंसे मजदूरों को कुछ ही देर बाद निकाला जा सकता है। एम्बुलेंस सुरंग के बाहर इंतजार कर रही हैं।
उत्तराखंड के उत्तर काशी में 41 जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद अब अंतिम पड़ाव में है। हालांकि, खबर आ रही है कि टनल में खुदाई कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन में खराबी आ गई है। इसे ठीक करने के लिए दिल्ली से हेलिकॉप्टर के जरिए 7 एक्सपर्ट बुलाए गए हैं।
57 मीटर तक ड्रीलिंग करनी पड़ी
बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह सिल्कयारा में सुरंग ढहने वाली जगह से किसी भी वक्त अच्छी खबर आ सकती है। अंदर फंसे मजदूरों के बाहर आते ही सबसे पहले मेडिकल चेकअप किया जाएगा। उसके बाद बाकी की प्रक्रिया की जाएगी। यहां टनल में 12 नवंबर से मजदूर फंसे हुए हैं। बचावकर्मियों ने मलबे के बीच 45 मीटर तक चौड़े पाइप सफलतापूर्वक डाल दिए हैं। अब सिर्फ कुछ मीटर की दूरी तय करना बाकी है। उसके बाद मजदूरों तक बचाव कर्मी पहुंच जाएंगे और उन्हें पाइप के जरिए बाहर लेकर आएंगे। मजदूरों तक पहुंचने के लिए बचावकर्मियों को कुल मिलाकर करीब 57 मीटर तक ड्रिलिंग करनी पड़ी। मलबे में 39 मीटर तक स्टील पाइप डाले गए हैं।
बस 1-2 घंटे का इंतजार और
जोजिला टनल के परियोजना प्रमुख और बचाव दल के सदस्यों में से एक हरपाल सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन गुरुवार सुबह 8 बजे तक खत्म हो सकता है। पाइप 44 मीटर तक कवर हो चुका है। अभी भी 12 मीटर और जाना बाकी है। उन्होंने आगे कहा, अभी एकमात्र बाधा यह है कि मलबे में स्टील के कुछ टुकड़े आ गए हैं, इसलिए अभी स्टील पाइप काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि स्टील के टुकड़े एक घंटे के भीतर काटे जा सकते हैं। अगले 5 घंटे में दो पाइप डाले जा सकते हैं। बचाव अभियान सुबह 8 बजे तक खत्म हो सकता है। https://sarthakpahal.com/