
हरिद्वार। ज्वालापुर के आर्यनगर चौक के में स्थित चंदनवाले पीर की मजार को शुक्रवार को प्रशासन ने भारी हंगामे के बीच जेसीबी से तोड़ दिया, जबकि सिंहद्वार के पास बने हनुमान मंदिर को भी ध्वस्त कर दिया गया। मजार तोड़ने की कार्रवाई का मुस्लिम समाज के लोगों ने विरोध करते हुए पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि, कार्रवाई से पहले क्षेत्र में पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, जबकि यातायात को भी आर्यनगर चौक से डायवर्ट कर दिया था।
दरअसल ज्वालापुर में यह मजार लिंक रोड पर आरएसएस कार्यालय के करीब 25 मीटर दूरी पर सरकारी जमीन पर बनी थी। जिसे हटाने के लिए नगर निगम ने दो मई को नोटिस जारी किया था। शनिवार को भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में मजार तक पहुंचने वाले सारे रास्ते सील कर दिये गये थे। इसके बाद दोपहर डीएम विजय शंकर पांडेय, एसएसपी अजय सिंह, एसडीएम पूरण सिंह राणा, नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती की मौजूदगी में नगर निगम समेत विभिन्न विभागों के ध्वस्तीकरण दस्ते ने जेसीबी की मदद से मजार को ध्वस्त कर दिया गया। कार्रवाई से पहले सड़क के दोनाें तरफ बैरिकेड्स लगाकर आवाजाही बंद कर दी गई।
फ्लाईओवर के नीचे बने मंदिर पर भी कार्रवाई
इधर, सिंहद्वार फ्लाईओवर के नीचे बनाए गए मंदिर पर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। कुछ समय पहले ही फ्लाईओवर के नीचे अतिक्रमण कर इस हनुमान मंदिर का निर्माण किया गया था। इसके नीचे तहखाना भी बनाया गया था। जिसके चलते निगम प्रशासन की तरफ से नोटिस भी जारी किया गया था। प्रशासन की चेतावनी के बाद मंदिर में रखी प्रतिमा को पहले ही हटा लिया गया था। कार्रवाई के दौरान यहां भी भारी पुलिस बल तैनात रहा। हालांकि इस कार्रवाई का किसी ने कोई विरोध नहीं किया।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए मजार और मंदिर हटाने की कार्रवाई की गई। कार्रवाई से पहले डीएम और एसएसपी ने सभी पक्षों को सुना। इससे पूर्व लालजीवाला क्षेत्र में 7 हिंदू धार्मिक संरचनाओं एवं श्यामपुर क्षेत्र में 6 मजारों को ध्वस्त किया गया था।
मीडियाकर्मियों को भी रोका
मजार और मंदिर तोड़ने के दौरान पुलिस प्रशासन ने काफी सतर्कता दिखाई। खासकर, आर्य नगर क्षेत्र में मजार के आसपास की दुकानों को बंद करवा दिया था। बैरिकेडिंग कर यातायात को आर्यनगर चौक से डायवर्ट कर दिया गया। कार्रवाई के दौरान किसी को प्रवेश नहीं करने दिया गया। मीडियाकर्मियों को भी रोक दिया था। फोन से वीडियो और फोटोग्राफी करने पर भी रोक थी।