देश-विदेशबड़ी खबरयूथ कार्नरसामाजिकस्वास्थ्य

किसानों का ‘भारत बंद’ आज, कई यूनियन भी शामिल, सरकार संग बैठक विफल

Listen to this article

नई दिल्ली, 16 फरवरी। भारत बंद में पंजाब के किसानों के साथ देश की सभी किसान यूनियन जुड़ेंगी। ऐसे में पंजाब से लेकर हरियाणा तक, दिल्ली से लेकर यूपी तक हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच गुरुवार शाम को तीसरे दौर की बातचीत भी फेल हो गई है।

एक तरफ पंजाब के किसान हैं, जो दिल्ली कूच के लिए पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों से भिड़ रहे हैं। दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा 16 फरवरी यानी शुक्रवार को भारत बंद करने जा रहा है। पुलिस की तरफ से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किेए गए हैं। किसान संगठनों से भी कहा जा रहा है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें।

सिंघु बॉर्डर पर जवानों ने शुरू की रिहर्सल


MSP की गारंटी समेत किसानों की कुल 13 मांगें हैं, किसानों का कहना है कि सरकार अपना वादा पूरी नहीं कर रही है और इसके लिए अब संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में देशभर के किसान भारत बंद कर रहे हैं। जिस तरह से पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल है, उसे देखते हुए 16 फरवरी को भारत बंद के लिए बड़ा अलर्ट जारी हुआ है। ऐसे में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पैरामिलिट्री फोर्स और दिल्ली पुलिस के जवानों ने रिहर्सल शुरू कर दी है।

कई ट्रक-ट्रेड यूनियन भी शामिल
भारत बंद में देशभर के किसान जुड़ रहे हैं, लिहाज़ा दिल्ली और यूपी के गाज़ीपुर बॉर्डर पर भी अलर्ट जारी है। कहा जा रहा है कि किसान संगठन भारत बंद को लेकर यूपी गेट पर पहुंचेंगे, ऐसे में गाज़ीपुर बॉर्डर पर कड़ी तैयारी की गई है। किसानों के भारत बंद में कई ट्रक एसोसिएशन से लेकर, ट्रेड यूनियन भी शामिल हो रही हैं। ऐसे में सरकार की पूरी नज़र है कि किसान कोई बड़ा बवंडर तो नहीं मचाने वाले हैं। https://sarthakpahal.com/

केंद्र और सरकार के बीच तीसरे दौर की वार्ता भी फेल
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 3 दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि तीनों मीटिंग बेनतीजा रही हैं, सरकार और किसानों के बीच गुरुवार शाम को तीसरे दौर की बातचीत हुई थी। इस बैठक में जगजीत सिंह दल्लेवाल (अध्यक्ष बीकेयू/सिद्धूपुर), शिव कुमार कक्का (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरकेएम), जरनैल सिंह (अध्यक्ष बीकेयू, खेती बचाओ), सुरजीत फुल (अध्यक्ष, बीकेयू-क्रांतिकारी), सरवन सिंह पंढेर, (समन्वयक केएमएम), अमरजीत सिंह मोहरी (अध्यक्ष, बीकेयू-शहीद भगत सिंह), सुखजिंदर खोसा (अध्यक्ष, बीकेयू/खोसा), मंजीत राय (अध्यक्ष दोआबा किसान यूनियन), बलवंत सिंह बेहरामके (अध्यक्ष, बीकेयू/बेहरामके), जसविंदर सिंह लोंगोवाल (अध्यक्ष, बीकेयू/एकता आज़ाद), कुरुबु शांता कुमार (अध्यक्ष, कर्नाटक, गन्ना किसान संघ), बचित्तर सिंह कोटला, अशोक बुलारा, लखविंदर सिंह औलख शामिल रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button