श्रीनगर, 6 मार्च। आज से डेढ़ साल पहले उत्तराखंड के राजनीतिक और सामाजिक जीवन में भूचाल मता देने वाला अंकिता भंडारी हत्याकांड को भला कोई कैसे भूल सकता है। ये पूरा प्रकरण तब से सुर्खियों में है। अब इस केस की लड़ाई लड़ने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी से मामला और गरमा गया है। सड़क पर प्रदर्शन के साथ ही सोशल मीडिया पर अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के हैशटैग के साथ कैम्पेन शुरू हो गया है।
SDM और यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट पर कार्रवाई की मांग लेकर सड़कों पर उतरे लोग
अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए उसके माता-पिता और परिजन श्रीनगर गढ़वाल में धरने पर बैठे हैं। तत्कालीन SDM और यमकेश्वर MLA रेनू बिष्ट पर कार्रवाई की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया और सरकार का पुतला फूंककर जमकर नारेबाजी की। लोगों ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सरकार और पुलिस-प्रशासन के दबाव में बड़े आरोपियों को बचाया जा रहा है। इस प्रकरण में न्याय की लड़ाई लड़ रहे आशुतोष नेगी को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया है।
अंकिता के परिजनों की हिम्मत तोड़ने का षडयंत्र : गणेश गोदियाल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि वे अंकिता भंडारी के परिजनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि अंकिता के परिजनों की हिम्मत तोड़ने, आंदोलन को कमजोर करने के लिए सरकार ने आशुतोष नेगी को जेल भेजा है। उन्होंने कहा कि हम सरकार की मंशा कभी पूरी नहीं होने देंगे। उनका कहना था कि वे अंकिता के परिजनों की हर संभव मदद के लिए खड़े हैं। उन्होंने 7 और 8 मार्च को अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। उनका कहना था कि वे दोनों दिन अंकिता के परिजनों के साथ पीपलचौंरी में धरना देंगे। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर डीजीपी का बयान
डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के दौरान उत्तराखंड पुलिस किसी भी तरह के दबाव में नहीं थी। हमें सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा सहयोग मिला। राज्य पुलिस ने निष्पक्ष और साहसिक जांच की है। ऐसे में आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर आरोप लगाना पूरी तरह गलत है।
15 मार्च तक जिला कारागार पौड़ी भेजे गये आशुतोष नेगी
विवेचना में पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर पूर्व में एक अभियुक्त दीप मैठाणी को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था। वहीं मंगलवार देर सायं पत्रकार आशुतोष नेगी को भी गिरफ्तार कर दिया गया। आशुतोष नेगी को न्यायालय के आदेश के बाद 15 मार्च तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार पौड़ी भेज दिया गया है। इस दौरान न्यायालय से बाहर आते ही अंकिता के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। अंकिता की मां तो बेहोश हो गईं, जिन्हें जिला अस्पताल उपचार के लिए ले जाया गया।
किस मामले में हुई आशुतोष की गिरफ्तारी
कल्जीखाल के पयासू गांव के राजेश सिंह कोली राजा ने मई 2022 में एसएसपी व डीएम पौड़ी को एक शिकायत सौंपी थी, जिसमें उन्होंने चार लोगों पर मारपीट, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी व जातिसूचक शब्दों के उपयोग का आरोप लगाया था। पुलिस ने सीओ सदर की जांच के बाद 5 जनवरी को उत्तम नेगी, आशुतोष नेगी, अंकित बिष्ट व दीप मैठाणी के खिलाफ एससीएसटी, आईटी एक्ट, गाली-गलौज सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। https://sarthakpahal.com/