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उत्तराखंड में 5 साल में केवल 17 हजार युवाओं को ही मिला रोजगार, बेरोजगारों का आंकड़ा 9 लाख के करीब

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देहरादून, 14 मार्च। उत्तराखंड में ज्यादा से ज्याजा रोजगार के अवसर पैदा हों, इसको लेकर सरकारें कई योजनाओं पर काम करती हैं. लेकिन धरातल पर सरकारों के वो दावे हकीकत से कोसों दूर होते हैं। ये बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि सरकारी आंकड़े इसकी गवाही खुद दे रहे हैं। सेवायोजन कार्यालय के पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में बीते पांच सालों के अंदर पंजीकृत बेरोजगारों का आंकड़ा 9 लाख के करीब पहुंच गया है, जिसमें से मात्र 17 हजार युवाओं को ही रोजगार मिल पाया है।

बेरोजगारों में सबसे ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट
राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में रोजगार एक बड़ी समस्या रहा है। उत्तराखंड में युवाओं के पलायन का बड़ा कारण भी बेरोजगारी ही रहा है। उत्तराखंड में 31 जनवरी 2024 तक शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 883,346 तक पहुंच गई है, जिसमें से सबसे ज्यादा तकरीबन एक लाख पोस्ट ग्रेजुएट युवा हैं।

उत्तराखंड में बेरोजगारी के पिछले पांच साल के आंकड़े
उत्तराखंड मे 2019 तक 803,887, 2020 तक 778,077, 2021 में 807,722, 2022 में 879,061, 2023 में 882,508 और जनवरी 2024 तक 883,346 पंजीकृत बेरोजगार हो चुके हैं। ये वो पंजीकृत बेरोजगार हैं, जिन्होंने एंप्लॉयमेंट ऑफिस में रजिस्ट्रेशन करवाया है। सेवा नियोजन कार्यालय में पंजीकरण न करने वाले युवाओं की संख्या भी ठीक-ठाक मानी जाती है। यानी अगर बेरोजगारों की बात करें तो प्रदेश में सेवा नियोजन विभाग के आंकड़े से कई ज्यादा युवा बेरोजगार होंगे।

मैदानी जिलों में संभावनाओं के साथ बेरोजगारी भी ज्यादा: बेरोजगारी के इन आंकड़ों में मैदानी जिले सबसे आगे हैं. सबसे ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार 121,628 देहरादून में हैं. वहीं दूसरे नंबर पर हरिद्वार है, जहां 113,110 पंजीकृत बेरोजगार हैं. तीसरे नंबर पर उधमसिंह नगर में 92,396 पंजीकृत बेरोजगार हैं.

जिलेवार बेरोजगारों का आंकड़ा
अल्मोड़ा में 72,053 बेरोजगार, नैनीताल में 75,946 बेरोजगार, पिथौरागढ़ में 56,596 बेरोजगार, उधमसिंह नगर में 92,396 बेरोजगार, बागेश्वर में 33,104 बेरोजगार, चंपावत में 17,838 बेरोजगार, देहरादून जिले में 121,628 बेरोजगार, टिहरी में 81,730 बेरोजगार, उत्तरकाशी में 51,783 बेरोजगार, हरिद्वार में 113,110 बेरोजगार, पौड़ी में 70,826 बेरोजगार, चमोली में 62,980 बेरोजगार, रुद्रप्रयाग में 33,356 बेरोजगार, पूरे प्रदेश भर में 883,346 बेरोजगार युवा।

शिक्षित बेरोजगारों की फौज देश और समाज के लिए चिंता का विषय
ये सभी आंकड़े सेवा नियोजन कार्यकाल उत्तराखंड की तरफ से दिए गए हैं। हैरानी की बात ये है कि पिछले 5 सालों में केवल 17,743 अभ्यर्थियों को ही रोजगार मिला है। प्रदेश में लगातार बढ़ती जा रही शिक्षित युवाओं की बेरोजगार फौज देश और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है।

5 सालों में 700 रोजगार मेलों में 17 हजार बेरोजगारों को मिला रोजगार
प्रदेश के युवाओं को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें, इसके लिए सेवायोजन विभाग हर साल कई रोजगार सृजन से जुड़े कई कार्यक्रमों का आयोजन करवाता है। पिछले पांच सालों में सेवायोजन विभाग ने करीब 700 रोजगार मेले लगाए हैं, जिसमें लाखों युवाओं ने प्रतिभाग किया है, लेकिन नौकरी सिर्फ 17 हजार को ही मिल पाई है, जो कि आठ लाख बेरोजगारों के लिए ऊंट के मुंह में जीरे जैसा है। https://sarthakpahal.com/

उत्तराखंड में इस वक्त 8 लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार है। युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले, इसके लिए सरकार और विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।
चंद्रकांता रावत, उपनिदेशक, उत्तराखंड सेवा नियोजन विभाग

 

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