राजकीय डिग्री कालेज बिथ्याणी के प्राचार्य योगेश कुमार समेत तीन ने प्रस्तुत किया शोध पत्र
यमकेश्वर, 12 जून। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश कैम्पस में 11 एवं 12 जून को अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से आए नामी विद्वानों ने हिस्सा लिया। उक्त कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा एवं उसमें निहित ज्ञान को कैसे आज के आधुनिक ज्ञान एवं विज्ञान से जोड़ा जाए से सम्बन्धित था।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा ने अपने शोध पत्र में श्रीमदभागवत पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत वह ग्रन्थ है जिसमें आधुनिक विज्ञान की समस्त खोजें शामिल हैं।
इसी अवसर पर डॉ राम सिंह सामंत ने अपने शोध पत्र में महिलाओं के प्रति भारतीय पुरुष समाज की सोच को उजागर किया एवं बताया कि कैसे भारतीय प्राचीन ज्ञान परंपरा में दोनों को एक समान अधिकार दिया गया था जो कि आज समाप्तप्राय हो चुका है। इसके बाद डॉ नीरज नौटियाल ने भारतीय सांख्य दर्शन से संबंधित प्राचीन भारतीय उपनिषदों एवं वेदों के रहस्यों को उजागर किया। अंत में डॉ सुनील देवराडी ने अपने शोध पत्र में बताया कि किस तरह से आज भारतीय संस्कृति पाश्चात्य संस्कृति को अपना रही है, जिसके फलस्वरुप पाश्चात्य संस्कृति भारतीयों पर हावी होती जा रही है। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/
ये महाविद्यालय के लिए यह गौरव की बात है कि महाविद्यालय से प्राचार्य सहित तीन-तीन प्रोफेसरों के शोध पत्रों को अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में जगह मिली व साथ-साथ अन्य विद्वानों के विचारों को भी सुनने का मौका मिला।