रास्ते बंद होने से जान जोखिम में डालकर महिला को पहुंचाया अस्पताल, देखें वीडियो

चमोली। रास्ते बंद होने से जान जोखिम में डालकर घायल महिला को ग्रामीणों ने डंडी-कंडी के सहारे संपर्क मार्ग तक पहुंचाया, जहां से 44 किलोमीटर दूर एंबुलेंस के जरिये उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल परत-दर-परत खुलती रहती है। सरकार कितने भी दावे करे, लेकिन गाहे-बगाहे सच्चाई सामने आ ही जाती है। स्थिति यह है कि बरसात के कारण जगह-जगह सड़कें क्षतिग्रस्त पड़ी हैं। बच्चों को स्कूल जाने में और बीमार व्यक्तियों के इलाज में काफी दिक्कत आ रही है।
घास लेने के दौरान चोटिल हो गयी थी महिला
अरोसी गांव निवासी गुडसीर सिंह की पत्नी दुर्गा देवी गांव के पास घास लेने गयी थी, जहां गिरने के कारण वह चोटिल हो गयी। ग्रामीणों ने जैसे-तैसे पथरीले और जानलेवा रास्तों पर कुर्सी के सहारे महिला को संपर्क मार्ग तक पहुंचाया, जहां से उसे गोपेश्वर के जिला अस्पताल भर्ती कराया गया।
खतरनाक रास्तों से आवाजाही कर रहे बच्चे
स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डालकर सड़क पर आए पत्थरों के ूपर चढ़कर किसी तरह विद्यालय पहुंच रहे हैं। इसके अलावा नंदानगर-धुर्मा-मोख मल्ला सड़क मार्ग पिछले एक महीने से बंद पड़ी है, जिस कारण ग्रामीणों को करीब आठ किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ रही है।
आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी का कहना है कि जिले में भारी बारिश से मलबा आने से बंद सड़कों को खोलने का काम जारी है। वहीं, भारी बारिश से मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण धुर्मा, बांसवाड़ा और सेरा गांव के ग्रामीणों में काफी परेशान रहे।
सड़क का मलबा पैदल रास्तों पर डालने के कारण ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। ग्रामीणों ने इस संबंध में कई बार कार्यदायी संस्था व ठेकेदार को भी अवगत कराया, मगर ठेकेदार पैदल रास्तों पर सड़क का मलबा डालते रहते हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी है।