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समर सेमेस्टर के जरिये UTU परीक्षा में पास होने का मिलेगा एक और मौका

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देहरादून, 5 जुलाई। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा से वंचित एवं न्यूनतम क्रेडिट हासिल नहीं कर पाने वाले छात्रों को आगामी सेमेस्टर में प्रोन्नति का मौका दिया जा रहा है। इसके लिए विवि अगस्त के प्रथम सप्ताह में समर सेमेस्टर परीक्षा का आयोजन करेगा। परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय पोर्टल पर यूएमस (यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से 10 से 15 जुलाई के बीच परीक्षा फार्म भरने होंगे। इसके लिए विवि प्रशासन ने अविलंब समर सेमेस्टर के लिए कक्षाएं शुरू कराने को कहा है।

विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. वीके पटेल की ओर से तकनीकी संस्थानों के निदेशकों एवं प्राचार्यों को पत्र भेजा गया है। जिसमें बताया है कि 26 जून को विवि परीक्षा समिति की 38वीं बैठक संपन्न हुई। इसमें न्यूनतम क्रेडिट हासिल नहीं करने वाले छात्रों के लिए समर सेमेस्टर परीक्षा के आयोजन के बाबत निर्णय लिया गया। इसके तहत ऐसे छात्र जो न्यूनतम उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाने के कारण परीक्षा से वंचित रह गए हैं लेकिन उनके पास प्रोन्नति के लिए न्यूनतम क्रेडिट हैं, उन्हें समर सेमेस्टर परीक्षा के जरिए प्रोन्नत होने का मौका मिलेगा। इसके अलावा परीक्षा देने के बाद भी जो छात्र न्यूनतम क्रेडिट हासिल नहीं कर पाए हैं, वे छात्र भी पुन: प्रवेश के बजाय समर सेमेस्टर परीक्षा के जरिये प्रोन्नति का मौका हासिल कर सकते हैं।

इसके तहत संस्थानों को अलग से कक्षाएं संचालित करनी होंगी। एक विषय में कम से कम 30 लेक्चर के बाद छात्रों को परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। हालांकि विवि ने यह भी स्पष्ट किया है कि न्यूनतम उपस्थिति दर्ज नहीं कराने पर परीक्षा से वंचित छात्रों को आखिरी बार समर सेमेस्टर में शामिल होने का मौका दिया ज रहा है। इसके बाद से ऐसे छात्रों को पुन: प्रवेश लेना पड़ेगा। आदेश के अनुसार समर सेमेस्टर परीक्षा के आवेदन फार्म 10 से 15 जुलाई तक विवि पोर्टल पर ऑनलाइन भरे जा सकेंगे। फिलहाल अगस्त के प्रथम सप्ताह में समर सेमेस्टर परीक्षा प्रस्तावित की गई है। जबकि विषयवार परीक्षा कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा।

प्रति विषय 5000 रुपये देना होगा रजिस्ट्रेशन शुल्क
समर सेमेस्टर में प्रवेश के लिए छात्रों को प्रति विषय 5000 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा कराना होगा। जबकि परीक्षा शुल्क के रूप में प्रति विषय 2000 रुपये देने होंगे। रजिस्ट्रेशन शुल्क से संस्थान पढ़ाने के लिए शिक्षकों की व्यवस्था कर सकेंगे।

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