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नीट के नए रिजल्ट से 4 लाख छात्रों की रैंक में 10,000 तक जबर्दस्त उथल-पुथल

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देहरादून, 26 जुलाई। नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट के नए रिजल्ट में सिर्फ एक सवाल ने हजारों छात्रों का भविष्य बदल दिया है। शुक्रवार को जारी रिजल्ट में कुछ छात्रों की ऑल इंडिया रैंक 10,000 तक बढ़ गई है, तो कुछ की रैंक पहले से खराब हो गई।
शुक्रवार दोपहर बाद जैसे ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की वेबसाइट पर नया रिजल्ट जारी हुआ, उसे डाउनलोड करने के लिए अभ्यर्थियों में होड़ मच गई।

अब टापर्स अभ्यर्थियों की संख्या बची 17
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार के परिणामों में 17 अभ्यर्थी शीर्ष स्थान पर हैं, जबकि संशोधित परिणामों में 61 अभ्यर्थी शीर्ष स्थान पर थे। पहले टॉपर घोषित किए गए 67 अभ्यर्थियों में से 44 को भौतिकी के उस विशेष प्रश्न के लिए दिए गए अंकों के कारण पूरे अंक मिले थे। बाद में टॉपर्स की संख्या घटाकर 61 कर दी गई, क्योंकि एजेंसी ने कुछ परीक्षा केंद्रों पर समय की बर्बादी की भरपाई के लिए छह अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को विवादों से भरी इस परीक्षा को रद करने और दोबारा कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि इसकी पवित्रता के प्रणालीगत उल्लंघन के कारण यह दूषित हुई है।

नए रिजल्ट में सभी अभ्यर्थियों की रैंक बदली हुई थी। जिन अभ्यर्थियों ने फिजिक्स सेक्शन का विवादित सवाल अटेम्प्ट नहीं किया था, उनकी रैंक में भारी उछाल आया है। ऐसे छात्रों के प्राप्तांक उतने ही हैं जितने पहले थे, लेकिन उनकी ऑल इंडिया रैंक काफी बेहतर हो गई है। कुछ अभ्यर्थियों की रैंक में 3000 पोजीशन का सुधार हुआ, तो कुछ की रैंक 12000 पोजीशन तक भी सुधर गई। लेकिन, जिन अभ्यर्थियों ने उस सवाल का वह जवाब दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने गलत करार दिया है, उनके स्कोर में पांच अंक कम हो गए। इन पांच अंकों ने रैंक में बहुत भारी अंतर ला दिया है। विवादित प्रश्न अटेंप्ट करने वाले छात्रों की रैंक में 2000 से लेकर 15000 तक की गिरावट देखने को मिली। https://sarthakpahal.com/

एक बार परीक्षा तीन बार रैंक
इस साल नीट परीक्षा में लगातार चलते रहे विवादों के कारण अभ्यर्थियों की तीन-तीन रैंक जारी हुई। 4 जून को जब रिजल्ट जारी हुआ तब उन्हें अपनी पहली रैंक पता लगी, लेकिन कोर्ट के निर्देश पर री-एग्जाम कराया गया। इसके बाद अभ्यर्थियों की रैंक बदल गई। अब फिर से रिजल्ट जारी हुआ, जिसमें उनकी तीसरी और अंतिम रैंक जारी हुई है। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/

आईआईटी दिल्ली ने की थी प्रश्न की जांच
देव शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली की सब्जेक्ट एक्सपर्ट टीम के जरिए फिजिक्स के क्वेश्चन की जांच करने के निर्देश दिए गए थे. आईआईटी दिल्ली ने इस संबंध में जांच की और उसके बाद न्यू एनसीईआरटी के तहत ही प्रश्न को सही माना है. ऐसे में कई कैंडिडेट्स के इस प्रश्न के अंक काटे जाएंगे. इससे पहले कैंडिडेट्स के आपत्ति पर ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस प्रश्न के दोनों आंसरों को सही मान लिया था.

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