चमोली में आपदा के बावजूद नंदादेवी लोकजात की परंपरा को उत्साह के साथ निभा रहे क्षेत्रवासी

देवाल, 24 अगस्त। पिंडरघाटी में आपदा के दौरान हो रही नंदादेवी की लोकजात का आयोजन पौराणिक परंपराओं के अनुसार क्षेत्रवासी उत्साह के साथ कर रहे हैं। साथ ही आपदा की घड़ी में देवी से क्षेत्र की खुशहाली की कामना कर रहे हैं। कुरुड़ सिद्धपीठ से चली नंदा देवी लोकजात व नंदा देवी की डोली यात्रा रविवार को अपने आठवें पड़ाव चेपड़ों से पूजा अर्चना के बाद दिन में कोठी गांव पहुंची।
प्राणमति गदेरे में आइटीबीपी, एसडीआएफ के जवानों के सहयोग से तैयार पुलिया से देवी की डोली यात्रा रविवार को कोठी गांव पहुंची। रविवार को यात्रा रात्रि विश्राम के लिए देवाल के धरातल्ला गांव पहुंचने पर क्षेत्रवासियों ने जयकारों के साथ यात्रा का स्वागत किया।
महिलाओं ने देवी के मांगल गीत गाए व पूजा कर मनौती मांगी और देवी को श्रृंगार सामग्री भेंट की। धरातल्ला में देवी की पूजा में ग्रामीणों ने भाग लिया और फूल मालाओं व ढोल नगाड़ों से स्वागत सत्कार किया। सोमवार को नंदा की डोली अपने दसवें पड़ाव धरातल्ला से बेराधार पहुंचेगी। धरातल्ला पहुंचने से पूर्व चेपड़ों गांव के थोकदारों ने पूजा कर यात्रा को कैलाश के लिए रवाना किया।
ग्रामीणों ने डोली को देवाल ब्लाक की सीमा कोठी गांव पहुंचाया। कोठी के प्रधान लक्ष्मी देवी, कलम सिंह, यशवंत सिंह, जानकी देवी आदि ने पुष्प वर्षा कर डोली का स्वागत किया। कोठी, ग्वालदम, चिडगा, सरकोट, कल्याणी, ऊंणी से पहुंचे भक्तों ने देवी के दर्शन कर पूजा अर्चना कर भेंट अर्पित की। नंदा देवी का देव नृत्य हुआ। देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
ग्राम प्रधान गोपाल सिंह, लखन रावत, अनंगपाल, सुजान सिंह, अशोक कुमार ने कहा कि आपदा के बाद भी भक्त धार्मिक अनुष्ठान को पूरी श्रद्धाभाव से कर रहे है। सोमवार को यात्रा धरातल्ला से बेराधार जाएगी। बेराधार गांव में अठवाड व देवी जागरण के कार्यक्रम होंगे। डोली के साथ भगवती के पूजारी मनसा राम, कन्हैया कुमार, कालिका प्रसाद, लक्ष्मी प्रसाद, धनी राम, योगेश कुमार आदि मौजूद हैं।