फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने वाले हजारों शिक्षकों की नौकरी खतरे में

देहरादून। फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले हजारों में अब खलबली मच गयी है। सरकारी और अशासकीय स्कूलों में नियुक्त ऐसे कई मास्टरजी हैं जिन्होंने फर्जी डिग्री बनवाकर असली नौकरी पा तो ली है, मगर अब एसआईटी जांच उनके गले की हड्डी बनने जा रही है।
तीन हजार से अधिक्ष शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्रों की एसआईटी जांच करेगी। अब तक फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने के सवा सौ मामले पकड़ में आ चुके हैं। इनके खिलाफ शिक्षा महानिदेशालय को मुकदमा दर्ज करे की सिफारिश की गयी है। अभी तक 81 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। इसके अलावा 43 और शिक्षक भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक एवं एसआईटी प्रभारी लोकजीत सिंह के अनुसार एसआईटी की जांच पहले ही की जा चुकी है। अब तीन हजार और शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्रों की जांच जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गये हैं।
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एसआईटी को फर्जीवाड़े में 468 शिकायतें मिलीं
जांच में पाया गया कि शिक्षिका के अनुभव प्रमाणपत्र पर जिला विद्यालय निरीक्षक सहारनपुर के हस्ताक्षर एवं प्रमाणपत्र में प्रयोग की गई उनकी मुहर फर्जी है। इसके अलावा प्राचार्य व्यापार मंडल कन्या डिग्री कॉलेज मंगलौर हरिद्वार के वाद-विवाद प्रतियोगिता के प्रमाणपत्र पर प्राचार्य के हस्ताक्षर और मुहर भी फर्जी है। जांच के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा नियुक्ति तिथि से वेतन की वसूली की भी सिफारिश की गई है।
दो-तीन शिक्षकों के नाम नहीं बता पाई शिक्षिका
शिक्षिका के अनुभव प्रमाणपत्र की जांच कर रही टीम ने शिक्षिका से यह जानना चाहा कि वह अपने अध्यापन कार्यकाल के दौरान दो से तीन शिक्षकों के नाम बताए। इस पर शिक्षिका किसी का नाम नहीं बता पाई। इतना ही नहीं वह यह भी नहीं बता पाई कि वह किस-किस कक्षा की अध्यापक रही।
एसआईटी की सिफारिश के बावजूद जिन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। उसे दिखवाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक