
केएसरावत। देवभूमि उत्तराखंड को हिला देने वाला अंकिता हत्याकांड के सबूत को नेस्तनाबूद करने की पटवारी के साथ मिलकर पूरी तैयारी हो चुकी थी। बस एक-दो दिन और गुजर जाता तो मामला वहीं रफा-दफा कर दिया जाता। इसीलिए पुलकित आर्य के पापा विनोद आर्य, खुद पुलपित और उसकी पत्नी पौड़ी में कई दिनों से डेरा डाले हुए थे। उनको लग रहा था कि हम अपने मिशन में कामयाब हो जाएंगे, लेकिन ऐन वक्त पर ऋतु खंडूड़ी की एंट्री होने से केस ने पलटी मार दी।
ऋतु खंडूड़ी के संज्ञान में आते ही प्रशासन अलर्ट
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी अगर तत्काल एक्शन न लेती, तो मामला रफा-दफा कर दिया जाता। ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि वह 21 सितम्बर को देर शाम डीएम, एसएसपी, एसडीएम सहित जिले के तमाम आलाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थी, तभी उसी समय उन्हें अंकिता की गुमशुदगी के बारे में पता चला। उन्होंने तत्काल अधिकारियों को इस मामले को राजस्व पुलिस से हटाकर रेग्यूलर पुलिस को सौंपकर जांच कराने का निर्देश दिया।
वीरेंद्र भंडारी ने ऋतु खंडूड़ी को सुनाई आपबीती
वीरेंद्र भंडारी और पूर्व सीएम भुवनचंद्र खंडूड़ी के गांव आसपास ही पड़ते हैं, जिस कारण वीरेंद्र भंडारी का उनसे परिचय था। ऋतु खंडूड़ी भी क्षेत्र में आती-जाती रहती थी। वीरेंद्र भंडारी को लगा कि पटवारी केस में लीपापोती करने जा रहा है तो उन्होंने ऋतु खंडूड़ी को फोन पर व्यथा बयां की। तब जाकर ऋतु खंडूड़ी ने तत्काल कार्रवाई कर पुलिस अधिकारियों को अलर्ट किया और अंकिता हत्याकांड की गुत्थी सुलझ पाई।
पटवारी साहब की करतूत ने खत्म कर दिया था मामला
अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि जब वह अपनी बेटी की गुमशुदगी लिखाने पटवारी के पास पहुंचे तो वहां पुलकित आर्य अपने पिता विनोद आर्य और पत्नी के साथ पहले से ही मौजूद था। जैसे ही वे पटवारी के कमरे में घुसे तो पटवारी ने उन्हें बाहर बैठने को कहा। तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद उन्होंने पटवारी से पूछा कि मुझे बाहर क्यों बिठाया गया है। मेरी बेटी का कुछ पता नहीं चल रहा है, आप मेरी शिकायत दर्ज क्यों नहीं करते। इस पर पटवारी साहब ने कहा कि गुमशुदगी रिजार्ट मालिक की तरफ से दर्ज हो चुकी है। फिर वीरेंद्र सिंह ने गुस्से में पूछा कि बेटी मेरी लापता हुई है, रिपोर्ट लिखाने वाले ये लोग कौन होते हैं? तब जाकर पटवारी ने खानूपूरी करने को एक सादे कागज पर शिकायत लिखवा दी।
जांच को गुमराह करने का मामला
आरोपी निलंबित भाजपा नेता विनोद आर्य लगातार मीडिया से बयान देकर ये दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे कि उनका बेटा निर्दोष है। उनका दावा था कि उनका परिवार जनता की सेवा करने वाला जिम्मेदार परिवार है। उन्होंने अपने बेटे को सीधा-साधा बालक बताया। हालांकि उन्होंने मीडियाकर्मियों से कुछ दिन पहले ही यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी कि वह अब कुछ दिन से अलग रहता है। https://sarthakpahal.com/
‘उस दिन मौके से मैं पौड़ी गढ़वाल में ही थी। डीएम, एसएसपी, एएसपी, एसडीएम सब मेरे साथ मीटिंग में थे। जब मुझे अंकिता के लापता होने और पटवारी के टालमटोल रवैये की शिकायत मिली तो मैंने मामले तो तुरंत रेग्यूलर पुलिस से जांच कराने को कहा।’
ऋतु खंडूड़ी, विधानसभा अध्यक्ष, उत्तराखंड