पिथौरागढ़, 11 अक्टूबर। सीमांत जिले पिथौरागढ़ की रहने वाली शीतल राज माउंट चो ओयू को फतह कर न सिर्फ अपने जिले और उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश का नाम दुनिया में रोशन कर दिया. शीतल राज माउंट चो ओयू को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है. शीतल राज की इस उपलब्धि पर लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं.
शीतल राज ने फेसबुक पोस्ट पर दी जानकारी
पिथौरागढ़ की रहने वाली शीतल राज ने बीती आठ अक्टूबर को विश्व के छठे सबसे ऊंचे पर्वत चो ओयू पर भारतीय तिरंगा शान से लहराया है. ऐसा करने वाली शीतल राज पहली भारतीय महिला है. शीतल राज ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया फेसबुक अकाउंट में पोस्ट कर साझा की है.
हिमालय का छठवां सबसे ऊंचा पर्वत है माउंट चो ओयू
बता दें कि माउंट चो ओयू हिमालय का छठवां सबसे ऊंचा पर्वत है, जो नेपाल और तिब्बत की बॉर्डर पर स्थित है. इसकी ऊंचाई करीब 8188 मीटर यानी 26864 फुट है. माउंट चो ओयू माउंट एवरेस्ट से 20 किलोमीटर पश्चिम में है. उत्तराखंड की शीतल माउंट चो ओयू पर तिरंगा फहराने वाली पहली भारतीय महिला हैं.
कई चोटियां पतह कर चुकी शीतल
शीतलराज 7075 मीटर ऊंची सतोपंत, 7120 मीटर ऊंची त्रिशूल समेच कई चोटियां फतह कर चुकी हैं. शीतल का जुनून ही था कि उन्होंने 15 अगस्त 2021 में यूरोप की सबसे ऊंची माउंट एल्ब्रुस चोटी पर भारतीय झंडा फहरा फहराया था. तीलू रोतैली पुरस्कार हासिल करने वाली शीतल को भारत सरकार के सर्वोच्च साहसिक सम्मान तेंजिंग नॉर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड 2021 से भी नवाजा गया है.
सबसे कम उम्र में एवरेस्ट फतह करने का रिकॉर्ड
साल 2018 में शीतल राज ने 8,586 मीटर ऊंचे माउंट कंचनजंघा पर चढ़ाई की थी. इसके बाद 2019 में उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया. शीतल एवरेस्ट पर सफलता हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं. शीतल राज मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के सल्लोड़ा गांव की रहने वाली हैं.
8 अक्टूबर को सुबह 8 बजे माउंट चो ओयू पर फहराया तिरंगा
उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताया कि MOUNT CHO OYU के लिए उनका मिशन 5 सितंबर 2024 को शुरू हुआ था.हालांकि उन्हें नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचने के बाद वीजा के लिए इंतजार करना पड़ा था. इसके बाद 21 सितंबर को शीतल ने बाय रोड बॉडर क्रॉस किया और किरोंग पहुंची. फिर आगे थिंगरी और 24 सितंबर को एडवांस बेसकैंप पहुंची. 8 अक्टूबर 2024 को सुबह 8 बजे (चाइनीज टाइम) भारत का तिरंगा माउंट चोओयू पर लहराया और ऐसे करने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी.