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13 साल से मृत बहन को जिंदा दिखाकर प्रशासन की आंख में धूल झोंककर ले रहा था पेंशन

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लक्सर, 30 अप्रैल। हरिद्वार जिले के लक्सर से पेंशन घोटाले का एक बड़ा मामला सामने आया है. मामला रेलवे विभाग का है. दरअसल, यहां एक व्यक्ति अपनी मृतक बहन के नाम पर बीते 13 सालों से पेंशन ले रहा था. रेलवे विभाग को मिली एक गुमनाम चिट्टी ने इस पूरे राज से पर्दा उठाया. मामला सामने आने के बाद आरपीएफ इंटेलिजेंस ने मामले की जांच की. जांच में सामने आया कि कैसे एक व्यक्ति 13 साल से पूरे सिस्टम की आंखों में धूल झोंक रहा था.

13 साल पहले हो गयी थी बहन की मौत
बताया जा रहा है कि लक्सर निवासी एक व्यक्ति ने रेलवे के उच्चाधिकारियों को गोपनीय शिकायत भेजी थी. शिकायतकर्ता ने बताया था कि लक्सर का रहने वाला एक व्यक्ति बीते कई सालों से अपनी बहन के नाम पर पेंशन ले रहा है, जबकि बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है. इस शिकायत को रेलवे के अधिकारियों के गंभीरता से लिया और मामले की जांच आरपीएफ इंटेलिजेंस को सौंपी.

क्या है मामला
आरपीएफ इंटेलिजेंस की जांच में सामने आया कि साल 2003 में रेलवे के एक कर्मचारी की मौत हो गई थी. कर्मचारी की मौत के बाद उसकी दिव्यांग बेटी ने पेंशन पर दावा किया था. कोर्ट के आदेश पर रेलवे की तरफ से पेंशन मृत कर्मचारी की दिव्यांग बेटी की दी जाने लगी. वहीं, जिस दिव्यांग लड़की को पेंशन मिल रही थी, 2012 में उसकी भी मौत हो गई. बावजूद इसके पेंशन जारी रही. बैंक ने भी बीते 13 सालों में न तो पेंशन पाने वाली महिला का जीवन प्रमाण पत्र मांगा और न ही उस महिला के भाई ने दिया. इस तरह पिछले 13 साल से भाई अपनी बहन की मौत के बाद भी उसके नाम पर पेंशन लेता रहा. हैरानी की बात ये है कि रेलवे भी बीते 13 साल से बिना जीवन प्रमाण पत्र के पेंशन जारी करता रहा. न तो बैंक और न ही रेलवे ने इतने सालों में महिला का जीवन प्रमाण पत्र मांगा.

बैंक की भी भारी लापरवाही
आरपीएफ इंटेलिजेंस की टीम ने संबंधित बैंक के दस्तावेज खंगाले तो पाया कि 2012 से 2024 तक किसी भी वर्ष मृत महिला के जीवित होने का प्रमाण बैंक के पास मौजूद नहीं है. इतना ही नहीं, बैंक खाते में मृतक का आधार कार्ड तक लिंक नहीं पाया गया.

इस मामले में लक्सर आरपीएफ थाना प्रभारी रवि सिवाच से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इंटेलिजेंस की जांच में फर्जी तरीके से पेंशन की बात सामने आई है. उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है. अधिकारियों के आदेश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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