
देहरादून, 16 मार्च। विधानसभा सत्र के दौरान पहाड़ के लोगों पर दिए अपने विवादास्पद बयान से सुर्खियों में आए धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को आखिरकार इस्तीफा देना ही पड़ा। 21 फरवरी को सदन में दिए बयान के बाद लगातार पिछले करीब 22 दिन से मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का विरोध करते हुए जनता इस्तीफे मांग कर रही थी. वहीं 16 मार्च को मंत्री अग्रवाल ने सीएम धामी को अपना इस्तीफा रोते हुए भावुक होकर सौंप दिया। इस इस्तीफा के बाद कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है.
पहाड़ के लेगों का विरोध मंत्री को भारी पड़ा
मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादास्पद बयान के खिलाफ जनविरोध प्रदर्शन का नतीजा आखिरकार उनके इस्तीफे तक पहुंच ही गया. रविवार 16 मार्च को दोपहर बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान किया. इसके कुछ समय बाद उन्होंने सीएम धामी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपा. इससे पहले उन्होंने मुजफ्फरनगर के शहीद स्मारक पहुंचकर राज्य आंदोलनकारियों को नमन भी किया. वहीं उनके अचानक इस्तीफे से एक तरफ भाजपा नेताओं में खलबली मची है तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता उन्हें इस्तीफे के जरिए प्रायश्चित के लिए धन्यवाद दे रहे हैं.
अहंकार का यही नतीजा निकलता है. हरीश रावत ने कहा एक व्यक्ति के अहंकार का नतीजा सामने आ गया भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित कुछ और लोगों के अहंकार भी है जिनका जवाब उत्तराखंड उन्हें देगा. महेंद्र भट्ट ने अपने राजनीतिक विरोधियों को सड़क छाप कहकर एक घटिया दर्जे का बयान दिया है, उत्तराखंड उनके उस बयान के लिए भाजपा और भट्ट को क्षमा नहीं करेगा।
हरीश रावत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम
जिस प्रदेश का गठन लोगों की शहादत, लोगों के जेल जाने से, लोगों की प्रताड़ना के साथ हुआ हो, उन लोगों को आप कैसे अपमानित कर सकते थे. आज आपने इस्तीफा दिया है, प्रायश्चित किया है. मैं आपको ध्यानवाद देता है.
करण माहरा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
ये लड़ाई प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे तक ही सीमित नहीं होगी. लड़ाई आगे भी रहेगी जबतक मुख्यमंत्री धामी और उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, प्रेमचंद अग्रवाल के इस कृत्य पर समर्थन करने लिए जनता से माफी नहीं मांग लेते. गोदियाल ने कहा कि, इस प्रकरण में उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी जनता को धमकाया. उन्हें भी इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. इनके माफी मांगने तक ये लड़ाई जारी रहेगी.
गणेश गोदियाल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष