
यमकेश्वर, 19 जून। पौड़ी जनपद के रिखणीखाल ब्लॉक स्थित वड्डाखाल क्षेत्र में बिजली की लाइन पर कार्य करते समय संविदा लाइनमैन की करंट लगने से हुई मृत्यु की घटना को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। विधायक महंत दलीप सिंह रावत की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित उपखण्ड अधिकारी चंद्रमोहन, अवर अभियंता शुभम कुमार और अधिशासी अभियंता विनीत कुमार सक्सेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य में कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों के पालन को सुनिश्चित करने और और भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दृष्टि से लिया गया है।
बता दें कि बीती 16 जून की शाम को कुटिंडा गांव निवासी 27 वर्षीय अनिल नेगी रिखणीखाल क्षेत्र में विद्युत लाइन की मरम्मत के लिए पोल पर चढ़ा था. इसी दौरान अचानक करंट की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. अनिल के पिता रणजीत सिंह भी विद्युत विभाग में कार्यरत हैं और दोनों रिखणीखाल में एक साथ रह रहे थे.
इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं : सीएम
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत कार्यों के दौरान सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यस्थल पर सभी ज़रूरी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता हो। विशेष रूप से फायर या शॉर्प ऑब्जेक्ट्स जैसे जोखिमपूर्ण उपकरणों के उपयोग के समय संबंधित कर्मियों के पास हेलमेट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट, इन्सुलेटेड औजार जैसे सभी सुरक्षात्मक संसाधन मौजूद होने चाहिए। उन्होंने मामले में लापरवाही बरतने सभी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
यूपीसीएल के अफसरों को स्पष्टीकरण देने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के उच्चाधिकारियों से भी इस संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि विभाग के पास वर्तमान में कितने सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं और क्या ये उपकरण फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों तक प्रभावी रूप से पहुंच भी रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी के जीवन और सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को क्षम्य नहीं माना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के उच्चाधिकारियों से भी इस संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि विभाग के पास वर्तमान में कितने सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं और क्या ये उपकरण फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों तक प्रभावी रूप से पहुंच भी रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी के जीवन और सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को क्षम्य नहीं माना जाएगा।
बिजली के तारों में फंसकर तीन घंटे लटका रहा था शव

नैनीडांडा ब्लॉक के अंतर्गत खुटीड़ा निवासी अनिल नेगी (28) पुत्र रणजीत सिंह नेगी विद्युत वितरण खंड नैनीडांडा के विद्युत सब स्टेशन रिखणीखाल में संविदा लाइनमैन था। मंगलवार देर शाम वड्डाखाल क्षेत्र में विद्युत लाइन में खराबी आने पर शटडाउन लेकर वह खंभे पर चढ़ा था। इसी दौरान करंट लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उसका शव काफी देर तक तारों पर ही लटका रहा। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और ऊर्जा निगम पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मौके पर मौजूद कर्मियों के साथ हाथापाई की। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार मोहित देउपा, कानूनगो ओमप्रकाश भटगाईं व पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कर शव नीचे उतारवाया। बुधवार को कोटद्वार में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
मां ने पी लिया था कीटनाशक
पुत्र को करंट लगने की जानकारी मिलने पर मां लीला घर से ही कीटनाशक लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी। पुत्र का शव देकर वह आपा खो बैठीं और कीटनाशक पीकर जान देने की कोशिश की। एंबुलेंस से अनिल का शव और मां लीला को चिंताजनक हालत में बेस अस्पताल लाया गया। हालत में सुधार नहीं होने पर परिजन लीला को उपचार के लिए हायर सेंटर ले गए थे। जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत को स्थिर बताया है।