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पौड़ी से जाने के बाद DM आशीष चौहान का गढ़वाली भाषा में लिखा भावुक संदेश वायरल

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यमकेश्वर, 27 जून। आशीष चौहान, 2012 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी, ने 31 अक्टूबर 2022 को पौड़ी जिले के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था. लगभग ढाई वर्षों तक उन्होंने पौड़ी जिले में प्रशासनिक नेतृत्व प्रदान किया. अपने कार्यकाल के दौरान जिले के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जिसके बाद बीत दिनों उनका ट्रांसफर हो गया है. पौड़ी से ट्रांसफर होने के बाद आशीष चौहान ने गढ़वाली में जनता को पत्र लिखा है. उनका ये पत्र खूब सुर्खियां बटोर रहा है.

पौड़ी से विदाई के क्षणों में लिखा गया उनका गढ़वाली भाषा में संदेश आज लोगों के मन को छू रहा है. उस सरल पर आत्मीय भाषा में उन्होंने लिखा-

‘मेरा पौड़ी का भै-बैंणौ, नमस्कार!
मिल जतगा बि टैम यख बिताई, उ मिखणि सदानी समलौंण छीं। मेरु ट्रांसफर ह्वे गे। मि त चल ग्यों, पर तुम्हरु प्यार, तुम्हरु लाड़ सदानी म्ये दगड़ि रौलु, बस इतगा आसा चा
यानी, ‘जो समय हमने साथ बिताया, वह मैं सदा सहेज कर रखूंगा। मेरा तबादला हो गया है, मैं चला गया, पर तुम्हारा प्यार और अपनापन सदा मेरे साथ रहेगा’

उन्होंने यह संदेश अंग्रेज़ी में भी इसी भावना से लिखा:
Goodbye Pauri… You were not just a district for me. You were home. A place where I learned, served, and belonged. I carry your love with me.

राजस्थान के उदयपुर के मूल निवासी डॉ. आशीष चौहान एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो शिक्षा और सार्वजनिक सेवा से गहराई से जुड़ा हुआ है. आशीष चौहान ने राजस्थान में ही शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात राष्ट्रीय सेवा का सपना संजोया. इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा में 181वीं रैंक हासिल कर उत्तराखंड कैडर में चयनित हुए.

अपने अब तक के प्रशासनिक जीवन में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं. वे 7 अक्टूबर 2017 से 31 जुलाई 2020 तक उत्तरकाशी के जिलाधिकारी रहे. 4 अगस्त 2021 से 29 अक्टूबर 2022 तक पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी रहे. उनके नेतृत्व में इन पर्वतीय जिलों में आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचा विकास और प्रशासनिक सुचिता के अनेक सराहनीय कार्य हुए.

पौड़ी जिले में उनकी पहल पर शुरू हुए काम:


किसानों और काश्तकारों की आजीविका सुधार योजनाएं.
माउंटेन म्यूजियम और तारामंडल की स्थापना.
बेडू प्रसंस्करण प्रोजेक्ट (स्थानीय फल को बाजार से जोड़ने की कोशिश).
गंगा पैदल पथ यात्रा / चारधाम पैदल यात्रा का पुनर्जीवन.
हेरिटेज भवन, गंगा संस्कृति केंद्र और त्रिशूल पार्क जैसे सांस्कृतिक उपक्रम.
नयार उत्सव, द बीटल एंड द गंगा फेस्टिवल, बर्ड फेस्टिवल आदि

पौड़ी में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, आपदा प्रबंधन और पलायन रोकथाम जैसे जमीनी मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया. उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, नवाचार और जन सहभागिता की स्पष्ट झलक देखने को मिली. बता दें कि, हाल ही में हुए प्रशासनिक फेरबदल में आशीष चौहान को दो बड़े विभागों की जिम्मेदारी मिली है. उनको UCADA (सिविल एविएशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है. साथ ही खेल विभाग का निदेशक पद की सौंपा गया है. आशीष चौहान पहले भी UCADA की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.

बता दें कि, पहाड़ी बोली भाषा के प्रति आशीष चौहान का हमेशा से प्रेम रहा है. उत्तरकाशी जिलाधिकारी रहते हुए भी चौहान ने गढ़वाली में वहां की जनता के लिए एक संदेश लिखा था. साल 2020 में उन्होंने ‘सबु तैं म्यरू रैबार’ के नाम से कोविड काल में सभी से सुरक्षित रहने की अपील की थी.

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