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अब स्कूलों में होगा पांच वर्ष तक के बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट

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नई दिल्ली, 20 जुलाई। यूआईडीएआई (UIDAI) अब जल्द ही देशभर के स्कूलों के माध्यम से बच्चों के आधार कार्ड का बायोमेट्रिक अपडेट शुरू करने जा रहा है। इस प्रक्रिया को अगले दो महीनों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार के अनुसार, अभी तक 5 साल की उम्र पार कर चुके 7 करोड़ से अधिक बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट नहीं हुआ है, जो कि अनिवार्य है।
क्या है बायोमेट्रिक अपडेट की आवश्यकता?
5 वर्ष की आयु के बाद बच्चों के आधार में फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन का अपडेट अनिवार्य होता है। यदि अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) समय पर नहीं किया गया तो बच्चे का आधार नंबर डिएक्टिवेट भी हो सकता है।
UIDAI के नियमों के अनुसार: 5 से 7 साल की उम्र में बायोमेट्रिक अपडेट मुफ्त है। 7 साल के बाद, अपडेट के लिए 100 का शुल्क देना होगा।
स्कूलों के जरिए कैसे होगा बायोमेट्रिक अपडेट?
UIDAI एक नया प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत स्कूलों के माध्यम से बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट किया जाएगा। यह प्रक्रिया अभिभावकों की सहमति से की जाएगी ताकि बच्चों को स्कूल में ही आसानी से यह सेवा मिल सके। इसके तहत प्रत्येक जिले में बायोमेट्रिक मशीनें भेजी जाएंगी, जो घूमंतू रूप से एक स्कूल से दूसरे स्कूल में जाएंगी, ताकि अधिक से अधिक बच्चों तक यह सुविधा पहुंच सके। फिलहाल इस तकनीक का परीक्षण किया जा रहा है और अगले 45 से 60 दिनों में इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/
भविष्य में UIDAI 15 साल की उम्र के बाद आवश्यक दूसरे बायोमेट्रिकअपडेट (Second MBU) को भी स्कूल और कॉलेजों के माध्यम से लागू करने की योजना बना रहा है। फिलहाल 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का आधार बिना बायोमेट्रिकडेटा के बनता है। लेकिन 5 साल के बाद उनका बायोमेट्रिकअपडेट जरूरी हो जाता है।
बायोमेट्रिक अपडेट क्यों है जरूरी?
बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिकअपडेट समय पर होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह कई सरकारी और निजी सेवाओं से जुड़ा हुआ है। अद्यतन आधार की मदद से बच्चे स्कूल में एडमिशन, छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप), प्रवेश परीक्षाओं और अन्य सरकारी योजनाओं जैसे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) का लाभ आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। UIDAI का कहना है कि, “हम चाहते हैं कि बच्चों को सभी सरकारी लाभ समय पर मिलें और इसके लिए स्कूलों के माध्यम से पहुंचना सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।” बायोमेट्रिक डेटा की सटीकता यह सुनिश्चित करती है कि बच्चे किसी भी सरकारी योजना से वंचित न रहें।

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