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CBSE में अब 11वीं के अलावा 12वीं में भी साइंस और मैथ्स चुनने की होगी आजादी

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नई दिल्ली, 21 जुलाई। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) अब सीनियर सेंकडरी एजुकेशन के लिए एक नया कदम उठाने जा रहा है। सीबीएसई बोर्ड ने पहले 9वीं और 10वीं में साइंस और सोशल साइंस को दो लेवल बेसिक और एडवांस में लाने का फैसला लिया था।

अब बोर्ड हायर सेकंडरी लेवल पर साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) विषयों को भी 11वीं और 12वीं के लिए दो स्तरों में पेश करने की योजना (CBSE Two-tier STEM Curriculum) बना रहा है। CBSE का यह कदम छात्रों को उनकी पसंदीदा और भविष्य की योजनाओं के अनुसार विषयों को चुनने में मदद करेगा।

छात्रों को मजबूरी में कोई विषय नहीं पढ़ना पड़ेगा
ये स्ट्रक्चर बच्चों के लर्निंग एक्सपीरियंस को और भी बेहतर बनाने में कारगर होता है। बहुत से स्टूडेंट्स अक्सर ऐसे सब्जेक्ट लेने के लिए मजबूर होते हैं, जो उनके इंट्रेस्ट या फ्यूचर गोल्स से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते। ऐसे में बोर्ड की इस पहल का उद्देश्य हैं, ऐसे छात्रों के स्ट्रेस को भी कम करना है। यह नया बदलाव नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत किया जाएगा। संडे एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बदलाव की शुरुआत 11वीं और 12वीं के लिए एकेडमिक सेशन 2026-27 से होगी।

बोर्ड पहले भी अपना चुका है सीखने का ये तरीका
सीबीएसई बोर्ड यह एक्सपेरिमेंट पहले ही कर चुका है। CBSE ने 10वीं के स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम में मैथ्स के पेपर के लिए दो ऑप्शन्स दिए थे। बोर्ड ने इस बात पर गौर किया कि बहुत से बच्चे 11वीं 12वीं में मैथ्स नहीं लेना चाहते, लेकिन 10वीं में अच्छे नंबरों के साथ पास होना चाहते थे। बोर्ड ने कहा कि इससे उन छात्रों को मदद मिली।

बोर्ड ने 10वीं के लिए मैथ्स को दो लेवल्स एक स्टैंडर्ड और दूसरा बेसिक पर पेश किया था। बेसिक लेवल मैथ्स की परीक्षा स्टैंडर्ड लेवल एग्जाम से आसान होती है। हालांकि, इन दोनों लेवल के क्वेश्चन पेपर्स एक ही सिलेबस से तैयार किए जाते हैं।

पहले कक्षा 11वीं छात्रों के लिए होगा विकल्प
पिछले साल दिसंबर में बोर्ड की गवर्निंग बॉडी ने साइंस और सोशल साइंस को 9वीं और 10वीं में भी दो लेवल में पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब यही तरीका बोर्ड कक्षा 11 और 12 में साइंस और मैथ्स के लिए भी अपनाने जा रहा है। पहले यह बदलाव एकेडमिक सेशन 2026-27 में 11वीं के छात्रों पर लागू किया जाएगा। हालांकि, यह समय-सीमा बदल सकती है, जो NCERT की नई किताबों के जारी होने पर निर्भर करती है।

इन कक्षाओं के लिए जारी हो चुकी हैं नई किताबें
अभी तक एनसीईआरटी ने एनईपी 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCFSE) 2023 के अनुसार पहली से चौथी कक्षा और 6वीं, 7वीं के लिए नई किताबें जारी की हैं। जबकि, 5वीं और 8वीं के लिए इस एकेडमिक सेशन में किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहीं, 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए आने वाले सत्रों में किताबें जारी की जाएंगी। NCERT की सूचनाओं के मुताबिक, 9वीं और 11वीं कक्षाओं के लिए इस साल के आखिर तक किताबें तैयार हो जाएंगी।

NEP और NCFSE के अनुरूप होगा ये बदलाव
सीबीएसई का विषयों को दो लेवल पर पेश करने का फैसला NEP और NCFSE के अनुरूप है। CBSE की गवर्निंग बॉडी की पिछले साल दिसंबर में हुई बैठक के अनुसार, 9वीं और 10वीं के लिए विषयों को दो लेवल पर ऑफर करने के पीछे वजह है कि इससे छात्रों को विषय की जटिलता का वह लेवल चुनने की आजादी मिलेगी, जो उनके इंट्रेस्ट और आगे के करियर गोल्स से मेल खाता है।

एडवांस लेवल ऑप्शन इन छात्रों के लिए होगा फायदमेंद
इससे हायर सेकंडरी में विषयों के दो लेवल होने से छात्र को इसे बेसिक लेवल पर पढ़ने का विकल्प मिलेगा, अगर वे आगे इस विषय से पढ़ाई नहीं चाहते हैं। वहीं, इंजीनियरिंग, चिकित्सा या अन्य STEM करियर की ओर झुकाव रखने वाले छात्र साइंस में एडवांस लेवल का ऑप्शन चुन सकते हैं।

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