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कांधे पर कांवड़, पैरों मेंं छाले और भोले बाबा की जयकारे के साथ 13 दिन का कांवड़ मेला संपन्न

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हरिद्वार, 23 जुलाई। श्रावण मास की शिवरात्रि पर जलाभिषेक को धर्मनगरी के शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर और नीलकंठ महादेव समेत अन्य शिवालयों में जलाभिषेक कर भगवान भोलेनाथ से सुख समृद्धि की कामना की। भोर से शुरू हुआ जलाभिषेक देर शाम तक जारी रहा। शिवालयों के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को मंदिर समितियों की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए किसी विशेष अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो भक्त वत्सल और भूतनाथ हैं, जिस भी दशा में कोई पहुंचकर उनके दरबार में माथा टेकेगा वह उसे उसी रूप में सहज अपना आशीष देंगे।

धर्मनगरी में महादेव के अभिषेक के लिए उमड़ी शिवभक्तों की भीड़
कांवड़ मेला बुधवार को शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। 11 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा के 13 दिन में 4.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु जल लेकर गंतव्य को रवाना हुए। बुधवार श्रावण मास की शिवरात्रि पर धर्मनगरी के शिवालयों में स्थानीय श्रद्धालु ही नहीं बड़ी तादात में आसपास क्षेत्रों के कांवड़ यात्रियों ने भी ब्रह्ममुहूर्त (सुबह सवा चार बजे से 4.56 तक) भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। आशुतोष की ससुराल कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर के अलावा बिल्केश्वर मंदिर, नीलेश्वर महादेव, दरिद्रभंजन मंदिर, पीपलेश्वर महादेव मंदिर, पशुपति नाथ मंदिर, दयालेश्वर महादेव मंदिर आदि में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिरों में पुलिस बल भी तैनात रहा।

नीलकंठ महादेव मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता
सावन के अंतिम दिन नीलकंठ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया और अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मंदिर मार्ग और आसपास के क्षेत्रों में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, जिससे यातायात भी प्रभावित हुआ। श्रद्धालुओं से मंदिर परिसर और आसपास क्षेत्र खचाखच भरा रहा। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाएं मांगी। मंदिर की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहींं, जिससे यातायात बाधित हुआ। पुलिस प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए थे।

अंतिम दिन पवित्र गंगा में डुबकी लगाने उमड़ पड़े श्रद्धालु
श्रावण शिवरात्रि और कांवड़ यात्रा 2025 के अंतिम दिन पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं। धर्मनगरी हरिद्वार में सुबह से ही श्रद्धालु भगवान शिव के प्रमुख मंदिर में जलाभिषेक कर विधिवत पूजन कर रहे हैं। हरिद्वार में भगवान शिव की ससुराल दक्ष मंदिर सहित भगवान शिव के मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं। अब तक करोड़ों की संख्या में गंगा जलभर कर श्रद्धालु रवाना हो चुके हैं। वहीं, सुबह से ही दक्षेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर मंदिर, द्ररिद्र भंजन, दुख भंजन, नीलेश्वर महादेव, कुंडी सोटा महादेव, बिल्केश्वर महादेव, गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, पशुपतिनाथ मंदि, नीलकंठ महादेव सहित प्रमुख मंदिरों में शिवभक्त भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं।

पचेवली स्थित महाभारत कालीन पंचलेश्वर महादेव मंदिर,पथरी के जंगल में स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, खानपुर के प्राचीन जटाशंकर महादेव मंदिर समेत नगर और देहात क्षेत्रों में स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ को दूध, दही, घी, पंचामृत से स्नान करा बिल्वपत्र, अक्षत, पुष्प और मिष्ठान अर्पित किए। पूजा अर्चना कर भगवान भोलेनाथ से सुख समृद्धि की कामना की।

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