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भारत की गौरवशाली परंपरा, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में स्वर्णकार आगे आएं: सीएम

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देहरादून, 28 जुलाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी स्वर्णकारो से आग्रह किया है कि वे उत्तराखंड की पारंपरिक आभूषणों को भी वैश्विक मंचों पर भी प्रस्तुत करने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आज संपूर्ण विश्व भारतीय कला, संस्कृति और डिज़ाइन की ओर आकर्षित हो रहा है इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने पारंपरिक डिज़ाइन को वैश्विक बाजार की मांग के अनुरूप ढालें, जिससे भविष्य में ‘लोकल टू ग्लोबल’ का सपना साकार हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्णकारों का यह प्रयास हमारी युवा पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ने का माध्यम बनेगा, जो आज आधुनिकता की दौड़ में अपने पारंपरिक आभूषणों और लोकशिल्प से विमुख होती जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्वर्णकारों को आश्वस्त किया है कि यदि उनके संगठन के माध्यम से कोई ठोस प्रस्ताव लेकर आते हैं, जो हमारे राज्य में स्वर्णकार समाज के कौशल विकास, पारंपरिक आभूषणों के संरक्षण और उनके वैश्वीकरण को बढ़ावा देने में सहायक हो तो राज्य सरकार उसे पूरा सहयोग प्रदान करेगी । सरकार राज्य में स्वर्णकार बोर्ड बनाने के विषय पर विचार करेगी |

मुख्यमंत्री धामी रविवार को सन इन पार्क होटल में आयोजित अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ की गोल्ड एपरेसल की कार्यशाला एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए |

उत्तराखंड की पारंपरिक आभूषणों को वैश्विक मंच पर लाने का प्रयास करें स्वर्णकार : धामी
अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में देशभर से आए स्वर्णकारो, उद्यमियों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों का उत्तराखंड आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वर्णकार केवल आभूषणों का निर्माण नहीं करते, बल्कि भारत की गौरवशाली परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने तथा उसे अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने का कार्य भी करते हैं। हमारे इतिहास में स्वर्णकारों ने न केवल आभूषणों के माध्यम से भारतीय नारी की सुंदरता को सजाया है, बल्कि राजाओं- महाराजाओं के समय में मुद्रा निर्माण से लेकर मंदिरों की शिल्पकला तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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