रक्षाबंधन पर कब खत्म होगी भद्रा और कब तक रहेगा राहुकाल ? जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली, 8 अगस्त। सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को राखी का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहनों के प्रेम, रिश्ते, विश्वास और उनकी ताकत को समर्पित है। इस दिन सभी बहनें अपने भाई की तरक्की और सुखी जीवन की कामना करते हुए उसे राखी बांधती हैं। इस दौरान भाई भी बहन के प्रेम-सम्मान को स्वीकार करते हुए उसे जीवन भर रक्षा का वचन देता है। यह दिन रिश्तों सहित घर-परिवार और समाज में भी खुशियों की लहर लेकर आता है। रक्षाबंधन न केवल भारत का मुख्य पर्व है बल्कि कई अन्य देशों में भी इसकी खास रौनक देखने को मिलती हैं। इस वर्ष 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। ऐसे में इस दिन भद्रा, राहुकाल और राखी बांधने का शुभ समय क्या होगा, आइए जानते हैं।
पंचांग के मुताबिक इस साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो रही है। यह तिथि 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 9 अगस्त 2025 शनिवार को रक्षाबंधन है।
राखी पर कब तक रहेगी भद्रा?
ज्योतिषियों की मानें तो इस साल राखी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। दरअसल, सावन महीने की पूर्णिमा तिथि पर भद्रा सूर्योदय से पहले खत्म हो जाएगी। यह 8 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी। इसका समापन अगले दिन सुबह 1 बजकर 52 मिनट पर है। इस दिन सूर्योदय सुबह 5 बजकर 47 मिनट पर होगा। यही कारण है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया मान्य नहीं होगा।
क्या है राहुकाल का समय?
रक्षाबंधन पर राहुकाल सुबह 9 बजकर 07 मिनट से शुरू होगा। यह सुबह के 10 बजकर 47 मिनट तक बना रहेगा। इसलिए आप इस बीच भाई को राखी बांधने से बचें। ज्योतिषियों के मुताबिक राहुकाल में गृह प्रवेश, मुंडन, शुभ काम, यात्रा और खरीदारी जैसे कार्यों को करने से बचना चाहिए। इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
रक्षाबंधन 2025 शुभ मुहूर्त और योग
इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। अब चूंकि सुबह के 9 बजकर 07 मिनट से लेकर 10 बजकर 47 मिनट तक राहुकाल रहेगा, इसलिए आप इस समय को छोड़कर अन्य अवधि में अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।
खास बात यह है कि राखी पर न केवल शुभ मुहूर्त बल्कि योगों का संयोग भी त्योहार पर बना हुआ है। बता दे, राखी पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 22 मिनट से 5 बजकर 04 मिनट तक है। इसके अलावा सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बहनों को मिल रहा है। रक्षाबंधन पर सौभाग्य योग का खास संयोग जातकों को पूरे दिन मिल रहा है। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है।
रक्षाबंधन पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग
इस साल राखी पर शनि मीन और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे। साथ ही चंद्रमा मकर में रहने वाले हैं। बुध कर्क व गुरु और शुक्र मिथुन में बने रहेंगे। राहु कुंभ और केतु सिंह में मौजूद होंगे।
राखी की तीन चमत्कारी गांठें
अक्सर लोग राखी बांधने का शास्त्र सम्मत तरीका पूछते हैं. लेकिन घर-परिवार में इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है. इसका सही तरीका ये है कि बहन अपनी अनामिका उंगली से भाई के माथे पर टीका लगाएं. फिर उसे अंगूठे से माथे के ऊपर तक खींच दे. तिलक पर अक्षत लगाकर भाई की लंबी उम्र की कामना करें। अब बात आती है रक्षासूत्र यानी राखी बांधने की. भाई की कलाई पर राखी बांधते समय तीन गांठे लगाना शुभकारी होता है. पहली गांठ में बहन भाई की लंबी आयु मांगती है, दूसरी गांठ में बहन भाई से जीवनभर स्वयं की रक्षा का प्रण चाहती है. और तीसरी गांठ में बहन भाई के जीवन में ताउम्र मधुरता की कामना करती है.
रक्षाबंधन 2025 पर चौघड़िया मुहूर्त
लाभ काल- प्रातः 10:15 से दोपहर 12:00 बजे
अमृत काल-दोपहर 1:30 से 3:00 बजे
चर काल- सायं 4:30 से 6:00 बजे
पूजन विधि
रक्षाबंधन के दिन सुबह ही सर्वप्रथम स्नान कर लें।
फिर आप एक साफ थाली में रोली रखें।
इसके बाद अक्षत, दही, रक्षा सूत्र और कुछ मिठाई रखें।
अब शुद्ध देसी घी का दीपक जलाकर थाली में रखें।
फिर भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके बैठाएं।
सबसे पहले अपने भाई को तिलक करें।
कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उसकी आरती उतारें।
भाई को मिठाई खिलाएं।
आप सभी को रक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।