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केदारनाथ में सोना विवाद के बाद अब शिला को लेकर विवाद! गोदियाल के बयान पर अजेंद्र बोले- केस करुंगा

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देहरादून, 10 अक्टूबर। विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की स्वर्णिम आभा पर एक बार फिर विवाद हुआ है. जहां कांग्रेस नेता गोदियाल ने एक और आरोप लगाया है कि केदारनाथ की शिला को दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही थी, तो वहीं दूसरा पक्ष अब मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रहा है.

केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का मामला एक बार फिर राजनीतिक रंग ले चुका है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बीजेपी नेता एवं बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

गणेश गोदियाल ने केदारनाथ शिला को दिल्ली ले जाने का लगाया आरोप: एक तरफ जहां वो लंबे समय से कथित तौर पर सोने के नाम पर पीतल लगाने का आरोप तो लगा ही रहे थे, लेकिन इस बार उन्होंने एक और संगीन आरोप तत्कालीन बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पर लगाया है. जिसके बाद फिर से मामला गरमा गया है.

बता दें कि साल 2022 में केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया था. तभी से सोने और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर विवादों का सिलसिला जारी है. अब बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने नया आरोप लगाया है कि केदारनाथ की शिला को दिल्ली ले जाने का काम तत्कालीन अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मुख्यमंत्री के आदेश पर किया था.

क्या बोले BKTC के पूर्व अध्यक्ष, गणेश गोदियाल
दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर के लिए केदारनाथ धाम से केदार शिला ले जायी गयी. बीकेटीसी के तत्कालीन अध्यक्ष ने केदारनाथ धाम से केदार शिला नीचे उतरवाई, फिर मुख्यमंत्री के आदेश पर सड़क से अपनी गाड़ी में डालकर दिल्ली ले गए. यह शिला केदारनाथ की आस्था और सम्मान का प्रतीक है. जब तक इसे वापस नहीं लाया जाएगा, वो इस मुद्दे को उठाते रहेंगे.
गणेश गोदियाल, पूर्व अध्यक्ष, बीकेटीसी

गणेश गोदियाल के आरोपों को अजेंद्र अजय ने किया खारिज
वहीं, दूसरी ओर पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि गणेश गोदियाल बार-बार एक ही बातें दोहराते हैं और बिना किसी प्रमाण के मीडिया में सनसनी फैलाने का काम कर रहे हैं.

अगर गणेश गोदियाल के पास कोई सबूत है तो वो सक्षम प्राधिकरण या अदालत में जाएं. अब गणेश गोदियाल की चुनौती स्वीकार कर ली गई है और जल्द ही उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाएगा. वो केदारनाथ धाम के नाम पर मीडिया में बने रहना चाहते हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हार के कारण वो पार्टी से अलग-थलग हो चुके हैं, इसलिए गणेश गोदियाल बौखलाए हुए हैं.
अजेंद्र अजय, पूर्व अध्यक्ष, बीकेटीसी

फिर से सुर्खियों में आया केदारनाथ धाम
इस तरह के आरोपों ने एक बार फिर केदारनाथ धाम को राजनीतिक बहस के केंद्र में ला खड़ा किया है. जहां एक ओर कांग्रेस इसे आस्था से जुड़ा मुद्दा बता रही है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी इसे निराधार और राजनीतिक हताशा से प्रेरित कह रही है.

अजेंद्र अजय का ये भी कहना है कि जब इस पूरे मामले पर कमिश्नर की अध्यक्षता में जांच हुई थी तो उसमें स्पष्ट तौर पर तमाम आरोपों को खारिज किया गया था. कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में ये भी लिखा था कि भविष्य में यदि कोई फिर से इस विषय को लेकर आरोप लगता है तो बदरी केदार मंदिर समिति उस व्यक्ति पर सनातन धर्म के इन केंद्र बिंदुओं के प्रति छवि खराब करने के क्रम में कार्रवाई करेगा.

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