
चमोली। विश्व प्रसिद्ध श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को अपराह्न तीन बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। इस बार बदरीनाथधाम में रिकार्ड 17.47 श्रद्धालु पहुंचे। 2018 में 10.58 लाख जबकि 2019 में 10.48 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किये थे। कोविड के चलते 2020-21 में काफी कम संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे थे।
गेंदे के फूलों से सजाया गया मंदिर को
कपाटबंदी के लिए मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया। कपाटबंदी के बाद अब शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर व जोशीमठ में श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि माणा गांव के महिला मंडल द्वारा बुने गए ऊन के घृत कंबल को भगवान बदरीविशाल को ओढ़ाकर श्रीबदरीनाथधाम के कपाट तीन बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये। रावत (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बदरीनाथधाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित किया और उद्धव व कुबेर जी की प्रतिमा को मंदिर परिसर में लाया गया।
पांडुकेश्वर व जोशीमठ में होंगी शीतकालीन पूजाएं
मीडिया प्रभारी के अनुसार 20 नवम्बर प्रात: श्री उद्धव जी व श्री कुबेर जी की डोली श्रीबदरीनाथधाम से श्री योग ध्यान बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेगी, जबकि 21 नवम्बर को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। https://sarthakpahal.com/