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फिर सुलग रहा जनता इंटर कालेज यमकेश्वर, कभी भी फूट सकती है विरोध की चिंगारी, प्रबंधक के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू

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केएस रावत। ‘शिक्षार्थ आइए सेवार्थ जाइये’ ये मूल मंत्र है जनता इंटर कालेज यमकेश्वर का। शिक्षा के लिए जाना जाने वाला ये कालेज निरंतर राजनीतिक गुटबाजी का अखाड़ा बनता जा रहा है। यहां गाहे-बगाहे किसी न किसी मुद्दे को लेकर कालेज में राजनीतिक गुटबाजी हमेशा बनी रहती है, जिसका सीधा असर कालेज में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई पर पड़ना स्वाभाविक है।

2021 में छाया रहा था गुड्डी प्रकरण
2021 में गुड्डी प्रकरण में छाया रहा जनता इंटर कालेज यमकेश्वर काफी सुर्खियां बटोर चुका है। गुड्डी प्रकरण विवाद अभिभावकों और प्रबंधतंत्र के बीच मान मर्यादा का मुद्दा बन गया था। हालांकि वर्तमान विधायक रेनू बिष्ट के राजनीतिक हस्तक्षेप से मुद्दा जरूर शांत हो गया था, लेकिन जीत उसमें प्रबंधतंत्र की हुई थी, क्योंकि जिस गुड्डी देवी को बाहर का रास्ता दिखाया गया था, वह फिर से अंदर (कालेज) में आ चुकी है। अभिभावकों द्वारा उठाई गयी वित्तीय अनियमितता की मांग अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ी है।

मैनेजमेंट का चुनाव इस बार नया पैंतरा
जनता इंटर कालेज यमकेश्वर में अब मैनेजमेंट की नई हरकत से एक बार फिर विरोध की ज्वाला भड़कने वाली है। इस बार मुद्दा मैनेजमेंट के लिए होने वाले चुनाव को लेकर है। यमकेश्वर प्रबंध तंत्र में पिछले नौ साल से काबिज प्रशांत उनियाल फिर जुगाड़ में लग गये हैं कि किसी तरह एक बार फिर कालेज के प्रबंध तंत्र पर काबिज हो सके। ऐसे में अपनी स्थिति खराब होते देख उन्होंने विरोधियों को निपटाना शुरू कर दिया है।

दरअसल होने वाले प्रबंधकीय चुनाव के लिए जनता ने ड्राफ्ट के माध्यम से चंदा जमा कराया था। जो भी सदस्य चंदा जमा कराता है वो प्रबंधकीय चुनाव में मतदान का अधिकारी हो जाता है। सूत्रों से पता चला है कि इस बार सात-आठ सौ ड्राफ्ट मैनेजमेंट कमेटी के पास पहुंचे हैं, जिनमें से लगभग पांच सौ ड्राफ्ट ऐसे हैं, जो वर्तमान कमेटी के धुर विरोधी हैं। ऐसे में अगर उन सभी लोगों के ड्राफ्ट स्वीकार कर लिये गये तो आने वाले चुनाव में उन्हें प्रबंधतंत्र से बाहर होने का डर संताने लगा है। इसलिए उन्होंने चुन-चुनकर अपने विरोधियों के ड्राफ्ट वापस लौटाने शुरू कर दिये हैं, ताकि वो चुनाव में खड़ा न हो सके।

ऐसे ही एक भुग्तभोगी दिगम्बर सिंह (मस्त पहाड़ी) का कहना है कि मैंने 5,100 (इक्यावन सौ) का ड्राफ्ट जो कि उन्होंने कमेटी को दान किया था, उन्हें डाक द्वारा वापस भेज दिया गया। उनका कहना है कि मुझे संस्था विरोधी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मैनेजिंग कमेटी चुनाव से पहले ही हार से विचलित हो गयी है, इसलिए ऐसी ओछी हरकतों पर उतर आई है। उनका कहना है कि हमने जिस स्कूल के लिए तन, मन और धन से सेवा की, जिस स्कूल में हमने शिक्षा ग्रहण की, आज हमें संस्था विरोधी बताकर गलत साबित करने की कोशिश की जा रही है। https://sarthakpahal.com/

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