
देहरादून, 21 जनवरी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। उत्तराखंड के कुमाऊं स्थित पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व कर दिया है।
छोटे-छोटे बच्चों ने पत्र लिखकर नाम बदलने का किया था अनुरोध
रामनगर और आसपास के छोटे बच्चों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री धामी से नाम बदलने का अनुरोध किया था। उनके आदेश पर प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने इस संबंध में शासनादेश कर दिया है। सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व में मां सीता का पौराणिक मंदिर और महाऋषि वाल्मीकि का आश्रम है। इसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है। यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है।
उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम मां सीता के नाम पर रखा है। यह जंगल 5824.76 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री जाते हैं।
पवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदलकर अब सीतावनी किया गया है। इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था। उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में स्थित पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व (पीसीआर) का नाम नैनीताल जिले की तलहटी में स्थित गांव पवलगढ़ से लिया गया है। कुछ अद्भुत जंगलों का घर, पवलगढ़, 1944 में प्रसिद्ध शिकारी से संरक्षणवादी जिम कॉर्बेट द्वारा प्रकाशित पुस्तक मैनईटर्स ऑफ कुमाऊं में बैचलर ऑफ पोवलगढ़ कहानी के प्रकाशन के बाद प्रसिद्ध हो गया। बाघ को बैचलर ऑफ पोवलगढ़ का उपनाम दिया गया था। जिम कॉर्बेट द्वारा अब तक का सबसे बड़ा शिकार किया गया, और शिकार करने में एक दशक से अधिक का समय लगा। आख़िरकार इसे 1930 में शूट किया गया। पवलगढ़ 4 से 8 फरवरी 2015 के बीच आयोजित दूसरे उत्तराखंड स्प्रिंग बर्ड फेस्टिवल का स्थल था। https://www.facebook.com/Sarthak_Pahal-101257265694407/