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बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी, ICU में भर्ती

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लखनऊ, 26 मार्च। बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई है, जिसके बाद सुबह तड़के उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्तार का इलाज आईसीयू में चल रहा है। [डीजी जेल के अनुसार उनकी हालत स्थित है।

हालांकि मुख्तार की तबीयत को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और जेल प्रशासन की ओर से पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। दो दिन पहले ही मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर एक जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड किया गया था।

मुख्तार ने जेल में स्लो पॉइजन देने का लगाया था आरोप
इससे पहले मुख्तार अंसारी ने आरोप लगाया था कि उसे जेल में स्लो पॉइजन दिया गया है। 21 मार्च को जब बाराबंकी की MP-MLA कोर्ट में चर्चित एम्बुलेंस मामले में मुख्तार अंसारी की पेशी थी तो उसके वकील ने कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी कि 19 मार्च की रात में मुझे खाने में विषाक्त पदार्थ दिया गया है, जिसकी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई है। ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा और बहुत घबराहट हो रही है। कृपया मेरा सही से डाक्टरों की टीम बनाकर इलाज करवा दें। 40 दिन पहले भी मुझे विषाक्त प्रदार्थ मिलाकर दिया गया था। मुख्तार अंसारी के भाई सांसद अफजाल अंसारी गाजीपुर से बांदा के लिए रवाना हो चुके हैं। फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि तड़के ही उन्हें जानकारी मिली थी। अस्पताल पहुंचकर ही मुख्तार की तबीयत के बारे में कुछ कहा जा सकता है।

2 डॉक्टरों का पैनल पहुंचा था जेल
इसके बाद कोर्ट ने मुख्तार के चेकअप के लिए दो डॉक्टरों के पैनल की टीम जेल पहुंची थी, इसमें एक फिजिशियन और एक ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर शामिल थे। टीम ने चेकअप के बाद ब्लड टेस्ट कराया, वहीं रिपोर्ट आने पर कब्ज और दर्द की कुछ दवाइयां भी दी थी। डॉक्टरों ने जेल प्रशासन को बताया कि रोजा रहने के कारण ऐसा हो रहा है। भूख के बाद अचानक ओवरफीडिंग की वजह से मुख्तार को दिक्कत हो रही है। फिलहाल, उसका इलाज किया जा रहा है। जेल प्रशासन द्वारा मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट को भेजी गई। https://sarthakpahal.com/

जेल प्रशासन ने खारिज कर दिया था आरोप
वहीं बांदा जेल के सुपरिटेंडेंट ने मुख्तार अंसारी के स्लो पॉइजन देने के आरोपों को खारिज कर दिया था। प्रशासन ने बताया कि अंसारी के खाने को पहले एक सिपाही और फिर डिप्टी जेलर खाना खाता है, उसके बाद मुख्तार को खाना दिया जाता है। जेल के 900 बंदी भी यही खाना खाते हैं। ऐसे आरोप बेबुनियाद हैं। सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो CCTV के साथ-साथ सिविल और PAC का कड़ा पहरा है। मैं खुद निगरानी करता हूं।

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