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संस्कृत विद्यालयों में हुए स्थांतरण तर्कसंगत: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति

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देहरादून/रुद्रप्रयाग/ गोपेश्वर: 4 मार्च। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)के संस्कृत विद्यालयों में दसकों से एक स्थान पर बने हुए अध्यापकों एवं कर्मचारियों के स्थानांतरण को मंदिर समिति प्रशासन ने तर्क संगत बताया है कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने तथा शिक्षा की गुणवत्ता हेतु यह जरूरी था।

संबंधित प्रधानाचार्यो की संस्तुति पर सक्षम अधिकारी द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त करने हेतु तबादले किये गये है कोई तबादला नियम विरुद्ध नही है नही स्थांतरित कर्मचारियों एवं अध्यापकों की ओर से इसमें आपत्ति की गयी है। हालांकि वर्तमान में पूर्व मध्यमा तथा उत्तर मध्यमा परिषदीय परीक्षाओं के संपन्न होने तक उन्हें स्थगित रखा गया है। वहीं मंदिर समिति में वर्षों से कर्मचारियों को समयमान वेतनमान (एसीपी) का लाभ नही मिल पाया था।

वर्तमान में शासनादेश के अनुरूप पात्र कर्मचारियों को एसीपी का लाभ दिया गया है श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ ने विभागीय एसीपी मान्य किये जाने तथा मंदिर समिति के निर्णयों का स्वागत किया है। मंदिर समिति कर्मचारी संघ ने चारधाम यात्रा प्रबंधन हेतु प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का भी विशेष आभार जताया है। कहा कि शासन के निर्देश पर बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल मंदिर समिति तथा कर्मचारियों के हित में बेहद सकारात्मक कार्य कर रहे है विभागीय मामलों पर बाहर राजनीति करनेवालों का बहिष्कार किया जायेगा। वहीं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति प्रशासन ने समिति में किसी भी अनियमितता को सिरे से खारिज किया है कहा कि विभागीय स्थांतरण विभाग का आंतरिक मामला है तथा स्थांतरण कार्य लिए जाने के दृष्टिगत किये गये है यह मात्र अफवाह है कि पिछली समिति के किसी निर्णय को बदला गया है।

श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ अध्यक्ष विजेंद्र बिष्ट तथा सभी पदाधिकारियों ने कहा कि मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी शासन के निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रहे है संघ कर्मचारियों को एसीपी का लाभ दिये जाने के निर्णय का स्वागत किया तथा आभार एवं धन्यवाद पत्र मंदिर समिति अधिकारियों को सौंपा है।संघ ने कहा है कि मंदिर समिति के विभागीय स्थांतरण सामान्य प्रक्रिया है इन मामलों पर बाहरी तत्वों को राजनीति से बाज आना चाहिए।

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