उत्तराखंडदेश-विदेशपर्यटनबड़ी खबरमनोरंजनयूथ कार्नरवीडियोशिक्षासामाजिक

30 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा के चारों धामों के कपाट बंद होने की तिथियों की घोषणा, video

Listen to this article

देहरादून/बदरीनाथ, 2 अक्टूबर। उत्तराखंड चारधाम यात्रा का दूसरा चरण जारी है. 15 सितंबर से शुरू हुआ दूसरा चरण नवंबर माह तक जारी रहता है. ऐसे में अब चारों धामों के कपाट बंद होनी की तिथि की घोषणा भी होने लगी है. गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के बाद अब बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा भी हो चुकी है. धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे.

आज 2 अक्टूबर दशहरा पर्व पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा हुई. बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार 25 नवंबर दोपहर 2:56 बजे शुभ मुहूर्त पर बंद होंगे. इसके अलावा 23 अक्टूबर भैया दूज के पर्व पर शुभ लगनानुसार बाबा केदारनाथ धाम के कपाट बंद होंगे. विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि घोषित की गई.

वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. वहीं गंगोत्री धाम के कपाट 6 माह शीतकाल के लिए 22 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मूहूर्त में पूर्वाहन 11 बजकर 36 मिनट पर विधिविधान से बंद कर दिए जाएंगे. वहीं द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर धाम के कपाट 18 नवंबर ब्रह्म मुहूर्त और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम जी के कपाट 6 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे.

चारों धामों का शीतकाल प्रवास
वहीं शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद चमोली के पांडुकेश्वर और जोशीमठ में बदरीविशाल के दर्शन किए जाते हैं. जबकि बाबा केदार शीतकाल में रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ में विराजमान होते हैं. वहीं मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव और मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव किए जाते हैं. बता दें कि चारधाम यात्रा 2025 का आगाज 30 अप्रैल को गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुई थी. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे. जबकि 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हेतु खोले गए थे.

कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत पंचपूजाओं के पहले दिन 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा होगी। शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे। दूसरे दिन 22 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे दिन 23 नवंबर को खडग-पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा। चौथे दिन 24 नवंबर मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग चढाया जायेगा 25 नवंबर को 2 बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। 26 नवंबर को श्री कुबेर जी एवं उद्धव जी सहित रावल जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी। पूजाओं को रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट संपन्न करेंगे।

इस अवसर पर बीकेटीसी सदस्य महेंद्र शर्मा, प्रह्लाद पुष्पवान, देवीप्रसाद देवली, धीरज मोनू पंचभैया, राजेंद्र प्रसाद डिमरी, नीलम पुरी, पूर्व सदस्य भास्कर डिमरी सहित बदरीनाथ प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ सुधाकर बाबुलकर सहित अधिकारी कर्मचारी, तीर्थ पुरोहित हक- हकूहकधारी तथा श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button