उदयपुर। नूपुर शर्मा समर्थक की हत्या के बाद उदयपुर में बवाल शुरू हो गया है। लोग सड़कों पर उतरकर कन्हैयालाल के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं। हालांकि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक दो जगह आगजनी की घटनाएं भी सामने आई हैं। पुलिस ने 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बाधित कर दी है। हालात को काबू करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पूरे राजस्थान में बवाल को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने शांत बनाए रखने की अपील
कन्हैयालालकी हत्या के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उदयपुर की घटना मामूली घटना नहीं है, ये कल्पना से बाहर कि कोई व्यक्ति ऐसा भी कर सकता है। हम चाहते हैं कि ऐसे समय में तनाव पैदा न हो सब मिलकर शांति बनाये रखें। घटना की जितनी भी निंदा की जाय वह कम है। अपराधियों को बख्सा नहीं जायेगा।
कपड़े सिलवाने के बहाने किया कत्ल
कन्हैयालाल तेली की उदयपुर की धानमंडी स्थित भूतमहल के पास सुप्रीम टेलर्स के नाम से दुकान है। मंगलवार करीब तीन बजे रियाज और गौस मोम्मद बाइक पर सवाल होकर दुकान पर पहुंचे। दोनों ने कपड़े सिलवाने के लिए नाम देने के बहाने दुकान में प्रवेश किया। कपड़ों का नाप लेने के बाद कन्हैयालाल कुछ समझ पाते, उससे पहले हत्यारों ने उन पर हमला कर दिया। गड़ासे के करीब सात वार करने से उसकी गर्दन कटकर अलग हो गई। हमले के दौरान बीच-बचाव करने आया उसका साथी ईश्वर सिंह भी गंभीर रूप से हो गया है। उसे इलाज के लिए शहर के एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं घटना को लेकर क्षेत्र में तनाव है। बाजार बंद हो गया है।
हमलावरों ने बनाया वीडियो
हमलावरों ने हत्या का वीडियो भी बनाया और इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया। बताया जाता है कि ये दोनों दोस्त हैं और शहर की कच्ची बस्ती के रहने वाले हैं। रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद के हाथ में खून से सने हथियार देखकर आसपास के लोगों को घटना का पता चला। मौके पर भीड़ एकत्रित हो गयी। पुलिस भी पहुंची और मौके से सुबूत जुटाए गये। कन्हैयालाल की हत्या के बाद रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी है। वीडियो में रियाज पीएम मोदी तक भी पहुंचने की बात कह रहा है।
पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान
संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने कहा कि हम उदयपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं। कन्हैयालाल के आश्रितों को यूआईटी में प्लेसमेंट सेवा के माध्यम से भर्ती का आश्वासन दिया गया है। परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा।
थाने में हुआ था समझौता
कुछ ही दिन पहले पुलिस ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट के लिए कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया था। जमानत पर रिहा हुए कन्हैयालाल ने 15 जून को पुलिस को बताया था कि उसे धमकियां मिल रही हैं। स्थानीय थानेदार ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझौता करा दिया था। इसके बावजूद यह घटना हो गयी। धमकियां मिलने के बाद पुलिस ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की थी, मगर छह दिन बाद ही हटा ली थी। धमकी के कारण वह दुकान नहीं खोल रहे थे। मंगलवार को वह जैसे ही दुकान खोलने पहुंचे उनकी हत्या कर दी गयी।