16 दिसम्बर 1971 जब पाकिस्तान को भारतीय रणबांकुरों ने धूल चटाई थी
1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। 1965 के बाद पाकिस्तान को भारत के हाथों एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ा। इसके अलावा दुनिया के नक्शे पर एक और देश का जन्म हुआ जो बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। सवाल है कि पाक के अस्तित्व में आने के 24 साल बाद ही उसके टुकड़े क्यों हो गए? क्यों उसका एक हिस्सा टूटकर बांग्लादेश बन गया? 2021 बांग्लादेश और साथ ही भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व का वर्ष है। यह वर्ष बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोहों का है जो उसके आत्मनिर्धारण के अधिकारों के लिए लड़ी गई लड़ाई का प्रतीक है।
3 दिसंबर, 1971 को इंदिरा गांधी तत्कालीन कलकत्ता में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। इसी दिन शाम के वक्त पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों ने भारतीय वायुसीमा को पार करके पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर, आगरा आदि सैनिक हवाई अड्डों पर बम गिराना शुरू कर दिया। इंदिरा गांधी ने उसी वक्त दिल्ली लौटकर मंत्रिमंडल की आपात बैठक की। युद्ध शुरू होने के बाद पूर्व में तेज़ी से आगे बढ़ते हुए भारतीय सेना ने जेसोर और खुलना पर कब्ज़ा कर लिया।