
देहरादून। दून अस्पताल को पुष्पा के फैसले से गहरा झटका लगा है। अभी कुछ दिन पहले साउथ की पुष्पा चर्चाओं में रहीं, लेकिन इन दिनों दून निवासी 79 वर्षीय पुष्पा अपनी संपत्ति का मालिकाना हक सांसद राहुल को सौंपे से जाने चर्चा में हैं। उनकी संपत्ति में 50 लाख की एफडी, 10 तोला सोना, दो बैंकलाकर के नंबर दर्ज हैं। पुष्पा की दान की 25 लाखकी रकम प्रबंधन के हाथ से खिसक गई है।
इंटर कालेज में रहीं शिक्षिका
गुरु नानक इंटर कालेज खुड़बुड़ा में शिक्षिका रहीं पुष्पा 1999 में रिटायर हुई। उनका ध्यान समाजसेवा की तरफ होने से उन्होंने विवाह नहीं किया। रिटायरमेंट के बाद 2011 में उन्होंने 25 लाख की रकम दून अस्पताल को दान की थी। यह रकम एफडी के रूप में दून अस्पताल को दी गई थी।
दान की शर्त के अनुसार दून अस्पताल मूल रकम खर्च नहीं करेगा, जबकि इससे मिलने वाला सालाना ब्याज सुविधाओं में खर्च किया जाएगा। समिति की मंजूरी के बाद रकम अस्पताल की छोटी-छोटी जरूरतों पर खर्च होती थी, लेकिन दून अस्पताल के मेडिकल कालेज बन जाने के बाद प्रबंधन समिति भंग हो गई। नई व्यवस्था में इसका अस्तित्व ही खत्म हो गया।
सालभर बाद मेडिकल कालेज में यूजर चार्ज को लेकर समिति अस्तित्व में आई। तब कहीं ब्याज की यह रकम खर्च होने लगी। अभी इसपर छमाही करीब 53 हजार ब्याज आता है। व्यवस्था से नाराज पुष्पा ने सारी संपत्ति राहुल के नाम कर दी, जिसमें उक्तएफडी भी शामिल है। पुष्पा ने आरोप लगाया कि उनके केयरटेकर को अस्पताल खर्च की जानकारी नहीं दे रहा था।
‘प्रबंधन समिति भंग होने और नई समिति गठित होने में सालभर समय लगा। बाकी वक्त पैसा अस्पताल की छोटी-छोटी जरूरतों पर खर्च किया जा रहा। आगे जो आदेश मिलेंगे, उसी के अनुरूप कार्रवाई की जायेगी।’ डा. आशुतोष सयाना, प्राचार्य, दून मेडिकल कालेज