
नई दिल्ली। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के मामले में उत्तराखंड पूरे देश में पहले नंबर पर है। केंद्रीय दवा नियंत्रण मानक संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में दवाई बनाने वाली कंपनियों को लेकर एक बड़ा सच सामने आया है। उत्तराखंड की फार्मा कंपनियां मानकों की धज्जियां उड़ा रही हैं।
सैंपल फेन होने के मामले में उत्तराखंड पहले नंबर पर
सीडीएससीओ ने देश भर की फार्मा कंपनियों के 1280 दवाइयों के नमूनों की जांच की, जिनमें से कई तो टेस्ट में पास हुए, मगर इनमें 50 दवाइयों के सैंपल मानक के अनुरूप नहीं पाये गये। इन फेन सैंपलों में उत्तराखंड पूरे देश में पहले नम्बर रहा। इन दवाओं में अधिकतर दवाइयां बुखार, एंटीबायोटिक, दर्द, उल्टी और विटामिन की दवाएं हैं। 50 दवा सैंपलों में उत्तराखंड की 11, महाराष्ट्र की 1, गुजरात की 4, पश्चिम बंगाल 2, उत्तर प्रदेश 7, मध्य प्रदेश 6, राजस्थान 1, बिहार 2, सिक्कम 2, हरियाणा 1, दिल्ली 1 और तमिलनाडु की 3 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरे। https://sarthakpahal.com/
औषधि नियंत्रक का तर्क
उत्तराखंड की दवाएं सबसे ज्यादा फेल होने पर उत्तराखंड के औषधि नियंत्रक तेजबेर सिंह ने कहा क सबसे ज्यादा फार्मा कंपनियां उत्तराखंड में स्थित हैं। यही वजह है कि सबसे ज्यादा दवायां यहां की कंपनियों के फेल हो रहे हैं। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन सभी स्टेट से सैंपल को उठाता है और उसकी जांच करता है, लेकिन दवाइयां किन वजहों से फेल हुई हैं यह देखना होगा।
लिखित जानकारी पर की जायेगी कार्रवाई
इस मामले में स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार का कहना था कि सैंपल फेल होने की लिखित जानकारी अभी नहीं आई है। जैसे ही सैंपल फेल होने की लिखित जानकारी मिलेगी, उसके बाद संबंधित कंपनियों पर एफडीए एक्ट के तहत उचित धाराओं में कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी के खिलवाड़ नहीं करने दिया जायेगा।