नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के लगभग 70 फीसदी इलाकों में पानी के हाहाकार मचा हुआ है। हरियाणा के हठ के कारण दिल्ली में पेयजल संकट खड़ा हो गया है। हैदरपुर, नांगलोई, बवाना और द्वारका जल संयंत्रों से जुड़े इलाकों में भारी की भारी किल्लत हो रखी है।
12 मई से हरियाणा से यमुना नदी में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ने के कारण वजीराबाद बैराज का जलस्तर 674.50 फीट से गिरकर 668.30 फीट रह गया है। हरियाणा के साथ यमुना नदी में पानी छोड़ने का विवाद नहीं सुलझ सका है। जिस कारण वजीराबाद बैराज का जलसतर एक महीने से छह फीट नीचे बना हुआ है।
पानी के लिए दिल्ली दूसरे राज्यों पर निर्भर
राजधानी दिल्ली का पानी का अपना कोई स्रोत नहीं है। वह पूरी तरह से पानी के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली में पानी की मांग 1150 एमजीडी है और दिल्ली जल बोर्ड 900 एमजीडी पानी की आपूर्ति कर रहा है। पानी की मांग और आपूर्ति में 160 एमजीडी का अंतर है। वजीराबाद, चंद्रावल व ओखला संयंत्रों को यमुना नदी से कच्चा पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि हैदरपुर, नांगलोई, द्वारका व बवाना संयंत्र को मुनक नहर से भी कच्चा पानी मिलता है।
नई दिल्ली, सिविल लाइन, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज, राजेंदर नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, रामलीला ग्राउंड, जहांगीरपुरी, पंजाबी बाग, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी, दिल्ली छावनी, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, माडल टाउन और आसपास के क्षेत्रों में 12 मई से पेयजल संकट बना हुआ है।