प्रसव से कराहती युवती आधी रात चलकर सुबह पहुंची सड़क तक
चंबा (टिहरी)। प्रसव से कराहती युवती टार्च के सहारे आधी रात पगडंडियों पर ढाई किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंची। गनीमत यह रही कि महिला समय पर अस्पताल पहुंच गयी, जहां उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।
ये उत्तराखंड सरकार जो गांव गांव तक सड़क पहुंचाने का डंका पीट रही है, उसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। 22 जून की रात करीब 10 बजे गोठ गांव की अंजू देवी पत्नी सोमवारी लाल गौड़ की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। तमाम प्रयासों के बाद भी घोड़े खच्चरों का इंतजाम नहीं हो पाया। थक हारकर पति ने पत्नी को पैदल ले जाने का फैसला किया। करीब ढाई किलोमीटर की चढ़ाई जंगल के रास्ते टार्च के सहारे प्रसव पीड़ा से कराहते अंजू सुबह करीब 5 बजे सड़क तक पहुंची। वहां से टैक्सी द्वारा अंजू को मसूरी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां करीब सात बजे अंजू ने बेटे को जन्म दिया।
ग्राम प्रधान लाखीराम चमोली सोनू गौड़ का कहना है कि डीएम और विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री को सड़क बनाने के लिए पत्र कई बार भेजा गया है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई होती ही नहीं।
गांव के लोगों की मांग पर सात महीने पहले विभाग ने धनोल्टी लग्गा गोठ पहुंचकर सर्वे शुरू किया था, लेकिन पीएमजीएसवाई के कोर नेटवर्क में उक्त गांव को सड़क से कनेक्ट दिखाया गया है। इस कारण गांव के लिए सड़कक ा प्रस्ताव नहीं भेजा गया।
-राजेंद्र प्रसाद पंत, ई.ई, पीएजीएसवाई
धनोल्टी लग्गा गोठ गांव में सड़क निर्माण पीएमजीएसवाई के मानक के अंतर्गत नहीं आ रहा है। शासन स्तर पर इसके लिए पैरवी की जा रही है। लोनिवि से गोठ गांव के लिए सड़क बनाने का सर्वे करवाया जाएगा।
-प्रीतम सिंह पंवार, धनोल्टी, विधायक