
मुंबई। उद्धव ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपना इस्तीफा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राजभवन में सौंप दिया। फेसबुक में उन्होंने लिखा कि मैं नहीं चाहता कि शिवसैनिकों का खून बहे, इसलिए मैं पद छोड़ रहा हूं। सुप्रीम कोर्ट के राज्यपाल के शक्ति परीक्षण के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार करने के आदेश के कुछ मिनटों बाद ही उद्धव ने त्यागपत्र का ऐलान कर दिया था।
उद्धव के इस्तीफा देने के बाद अब शक्ति परीक्षण नहीं होगा और राज्य में भाजपा बागी शिवसेना विधायकों के गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। उद्धव ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री पद छोड़ने की कोई चिंता नहीं, दुख नहीं है। मैं जो करता हूं शिवसैनिक, मराठी और हिंदुत्व के लिए करता हूं। मैं चुप बैठने वाला नहीं। मैं डरने वाला नहीं। मैं गुरुवार से शिवसेना भवन में बैठूंगा।
सोनिया, पवार को धन्यवाद, फडणवीस पर कटाक्ष
उन्होंने विपक्षी नेता फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए कि मैं दोबारा आऊंगा। जिन्हें सत्ता की लालसा है उन्हें सत्ता का सुख भोगने दो। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया, एनसीपी प्रमुख शरद पवार को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
महाराष्ट्र ने एक सभ्य मुख्यमंत्री खो दिया: संजय राउत
संजय राउत ने कहा कि उद्धव जिम्मेदारी से भागने वाले नहीं, वह अंत तक लड़ते रहेंगे। वे बोले शिवसेना फिर से उठेगी और शिवसैनिक फिर से मुख्यमंत्री बनेगा। हम डंडे का सामना करेंगे, जेल जाएंगे, लेकिन बाला साहेब की शिवसेना को जिंदा रखेंगे।
लंबे इंतजार के बाद भाजपा को मिली मंजिल
2019 के बाद महाराष्ट्र के रूप में तीसरे राज्य में भाजपा का आपरेशन लोटस सफल रहा। राजस्थान में आपरेशन लोटस की असफलता के बाद भाजपा ने महाराष्ट्र में तख्ता पलट के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ने की रणनीति अपनाई। हिंदुत्व मुद्दे पर शिवसेना में असंतोष भड़कने का इंतजार किया।