उत्तरप्रदेशउत्तराखंडदेश-विदेशबड़ी खबरमनोरंजनयूथ कार्नरराजनीतिशिक्षासामाजिक

भद्रा पर कोई कंफ्यूजन नहीं, आज ही भाई की कलाई में बांधें राखी, सभी को शुभकामनाएं

Listen to this article

देहरादून। भद्रा पर कंफ्यूजन की गुंजाइश ही नहीं है। आज 11 अगस्त को ही धूमधाम से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है। सभी तीर्थ पुरोहितों ने स्पष्ट कर दिया है कि भद्रा का साया मृत्युलोक में नहीं, बल्कि पाताल लोक में है। इस कारण इसका पृथ्वी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल भद्रा के साये में भाई की कलाई पर राखी बांधना अशुभ माना जाता है।

गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर के दिगंबर रवि गिरी ने बताया कि इस बार 11 अगस्त को लगने वाली भद्रा न तो स्वर्गलोक और न ही पृथ्वीलोक में लगने वाली है, जब यह भद्रा पाताललोक में लगेगी, जिसका कोई भी असर ब्रह्मांड पर नहीं पड़ने वाला है।

ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु प्रसाद भट्ट ने कहा कि सुप्रसिद्ध धर्म ग्रन्थों निर्णय सिन्धु, धर्म सिन्धु, पुरुषार्थ चिन्तामणि, कालमाधव, निर्णयामृत आदि के अनुसार 12 अगस्त को पूर्णिमा तिथि दो मुहूर्त से कम होने के कारण 11 अगस्त को ही श्रावणी उपाकर्म व रक्षाबंधन शास्त्र सम्मत हैं। किसी भी हालत में पर्व दो दिन न हो यह प्रयास करें।

वहीं, भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा में रक्षासूत्र बांधना शुभ नहीं होता है। 11 अगस्त को रात्रि 8.30 बजे से 9.30 बजे तक भी शुभ मुहूर्त है। बहनें इस अवधि में भी भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांध सकती हैं।

पूर्णमासी के दिन ही मनाना चाहिए रक्षाबंधन
शुक्रवार को भले ही उदया तिथि में पूर्णिमा है लेकिन इस दिन सुबह सात बजकर पांच मिनट के बाद ही प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। गुरुवार को पूर्णिमा का रात्रिकालीन चांद भी दिखेगा, पूर्णमासी के दिन ही रक्षाबंधन मनाना चाहिए। इन सारी वजहों से आज ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा।

वहीं, त्योहार की पूर्व संध्या पर बाजारों में जमकर खरीदारी हुई। देर रात तक बहनों ने बाजारों से राखियां खरीदीं। इस दौरान घेवर और मिठाई से लेकर चॉकलेट की जमकर बिक्री हुई। भाइयों ने भी बहनों के लिए गिफ्ट खरीदे।

https://sarthakpahal.com/

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button