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NIT और HNB विवि में शुरू होगी गढ़वाली पढ़ाई, शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकेंगे छात्र

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श्रीनगर। हेमवती नंदन hnb केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने पर गुरुवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति आधुनिक भारत के निर्माण में अहम कड़ी साबित होगी। उन्होंने कहा कि गढ़वाल विवि में यह नीति शिक्षा सत्र 2022-23 में लागू हो गई थी। उन्होंने कहा जापानी भाषा के साथ ही गढ़वाली भाषा के कोर्स को भी विवि में शुरू किया जायेगा। इसके लिए जल्द कोर्स का डिजाइन तैयार हो जाएगा।

स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर फोकस
संयुक्त पत्रकार वार्ता में कुलपति प्रो.नौटियाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिये जाने पर ध्यान दिया जा रहा है। भारत की विश्व गुरु की परिकल्पना को साकार करने में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने कहना था कि hnb स्थानीय भाषा, विदेशी भाषा, स्थानीय लोक संस्कृति, लोक कला, आधुनिक व परंपरागत खेती में रोजगार की दृष्टि से अनेक कोर्स संचालित करने जा रहा है। विवि के स्वर्ण जयंती वर्ष में मिशन मोड़ में करीब 130 शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्तियां की गयी है। जबकि, नियुक्ति प्रक्रिया अभी जारी है। कुलपति ने प्रो. एके डोबरियाल को सीयूईटी पर स्थानीय भाषा में आलेख लिखने के निर्देश भी दिए।

नई शिक्षा नीति में भारतीय परंपरा को बढ़ावा
nit के निदेशक प्रो. ललित अवस्थी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा दिया गया है। इसमें स्कूली शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रिय किया गया है। उन्होंने बताया कि अब गढ़वाल विवि के छात्र जो नॉर्मल स्ट्रीम में पढ़ रहे हैं, वे एनआईटी के जरिए शॉर्ट टर्म कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। विवि के प्रति कुलपति प्रो. आरसी भट्ट ने कहा कि इस शिक्षा नीति से नर्सरी से लेकर उच्च शिक्षा तक सकारात्मक बदलाव किया गया है। इसके परिणाम आगामी 14-15 वर्षों में स्पष्ट हो पाएंगे। प्रोफेसर एके डोबरियाल ने एकेडमिक बैंक क्रेडिट बैंक से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी।

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