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हिमालय में विराजमान पंच केदारों में द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाट खुलेvideo

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रुद्रप्रयाग, 21 मई। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात और सुरम्यी मखमली बुग्यालों के बीच बसे भगवान मद्महेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ खोल दिए गए हैं. इस मौके पर 667 तीर्थ यात्री कपाट खुलने के साक्षी बने. साथ ही पूजा-अर्चना और जलाभिषेक कर विश्व शांति व समृद्धि की कामना की. भगवान मद्महेश्वर के कपाट खुलते ही यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है. पंच केदार (हिमालय के केदारखंड क्षेत्र या गढ़वाल क्षेत्र में भगवान शिव को समर्पित पांच ऐसे पूजनीय मंदिर हैं, जहां भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इन पांच तीर्थ स्थलों को सामूहिक रूप से पंच केदार के नाम से जाना जाता है और इन मंदिरों के नाम हैं – केदारनाथ, तुंगनाथ, मद्महेश्वर (मदमहेश्वर), रुद्रनाथ और कल्पनाथ)।

21 मई को ब्रह्म बेला पर गौंडार गांव में मदमहेश्वर या मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी शिवलिंग ने पंचांग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपन्न कर भगवान मदमहेश्वर समेत तैंतीस कोटी देवी-देवताओं का आह्वान किया. जिसके तहत सुबह 5 बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी गई. फिर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से कैलाश के लिए रवाना हुई.

भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर गौंडार गांव समेत विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों ने पुष्प, अक्षत्रों से अगुवाई की. साथ ही लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर लोगों ने मनौतियां मांगी. भगवान मदमहेश्वर की डोली ने विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते देव दर्शनी पहुंचकर विश्राम किया.

सुबह 11 बजे मदमहेश्वर धाम के भंडारी मदन सिंह पंवार और विशाम्बर पंवार ने धाम से शंख ध्वनि देकर डोली को धाम आने का निमंत्रण दिया. जिस पर डोली धाम के लिए रवाना हुई. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने धाम पहुंचकर मुख्य मंदिर की तीन परिक्रमा की. साथ ही सहायक मंदिरों में शीश नवाया.

सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर खुले मद्महेश्वर के कपाट
वहीं, भगवान मद्महेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं और मंत्रोच्चार के साथ ठीक 11:10 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए. कपाट खुलने के बाद पंडित कलाधर सेमवाल ने परंपरानुसार शुद्धिकरण यज्ञ किया. जबकि, सैकड़ों भक्तों ने भगवान मदमहेश्वर के स्वयंभू लिंग पर जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की.

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी  डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली बीते  रविवार 18 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में विराजमान हो गयी थी. सोमवार 19 मई को   चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी प्रवास को पहुंची।  मंगलवार 20 मई द्वितीय पड़ाव गौंडार प्रवास किया तथा आज   बुद्धवार 21  मई सुबह  को श्री मद्महेश्वर मंदिर पहुंची।

कपाट खुलने के पावन अवसर पर अक्षीक्षण अभियंता मुकेश परमार और सामाजिक कार्यकर्ता नारायण दत्त जुयाल के विशेष सहयोग से लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया. सहायक दिवारा यात्रा प्रभारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं का आवागमन जारी है.

पौराणिक जागरों की शानदार प्रस्तुति ने मोहा मन
कपाट खुलने के पावन अवसर पर जागर गायिका रामेश्वरी भट्ट के नेतृत्व में विलोचना रावत, मीना बहुगुणा, हेमलता बिष्ट, सुशीला भंडारी, लक्ष्मी नेगी ने भगवान मदमहेश्वर की महिमा पर आधारित पौराणिक जागरों की शानदार प्रस्तुत दी.

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