
देहरादून। यमकेश्वर में थाना और बीरोंखाल में चौकी बनने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अंकिता की खोजबीन में देरी के बाद राजस्व पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी ब्रिटिश काल से चली आ रही पटवारी प्रथा पर सवाल खड़े किये थे।
कैबिनेट बैठक में राजस्व पुलिस हटाने पर लगी मुहर
मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में राजस्व पुलिस को हटाने पर मुहर लग गयी है। अंग्रेजों के जमाने से चली आ ही राजस्व पुलिस व्यवस्था को धीरे-धीरे समाप्त करने का सैद्धांतिक निर्णय लेते हुए कैबिनेट ने छह नए पुलिस थाने और 20 चौकियों के गठन को मंजूरी दे दी है। अब संपूर्ण राजस्व क्षेत्र से कानून व्यवस्था का काम रेग्यूलर पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।
6 थाने और 20 पुलिस चौकियां खुलेंगी
जिन नये थानों का सृजन होगा उनमें यमकेश्वर, छाम, घाट, खनस्यूं, देवाट और धौलझीना शामिल हैं। इसके अलावा जहां नई चौकियां बनेंगी, उनमें बीरोंखाल, लाखामंडल, गजा, कंडीखाल, चमियाला, नौटी, नारायणबगड़, उर्गम, चोपता, दुर्गाधार, सांकरी, धौतरी, औखलकांडा, धानाचूली, हेडाखान, धारी, मजखाली, जागेश्वर, भौनखाल और बाराकोट शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा छह महीने में 6 महीने में समाप्त करें राजस्व पुलिस व्यवस्था
उत्तराखंड में राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त करने को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मुख्य सचिव को तीन सप्ताह के अंदर व्यक्तिगत शपथ पत्र देने के निर्देश दिये हैं। उक्त आदेश में राज्य में छह महीने के भीतर राजस्व पुलिस व्यवस्था समाप्त कर अपराधों की विवेचना सिविल पुलिस को सौंपने को कहा गया था। https://sarthakpahal.com/