अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद कांग्रेस में घमासान जारी

देहरादून। अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर उठा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की ताजपोशी पर 19 में 11 विधायकों का नदारद रहना इस बात के साफ संकेत हैं कि कांग्रेस में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। हालांकि विधायकों के शपथ ग्रहण में न पहुंचने के कई वाजिब कारण गिनाये जा रहे हैं, लेकिन ये बात साफ है कि कांग्रेस में अंदर ही अंदर टकराव और असंतोष की खिचड़ी किसी और तरफ इशारा कर रही है।
हालांकि कांग्रेस में बढ़ती अंतर्कलह के बीच करन माहरा ने प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल ने नेता प्रतिपक्ष का पदभार ग्रहण तो कर लिया, लेकिन इन दोनों के ही पदभार संभालने के ऐन मौके पर तमाम विधायकों ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। और तो और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का गायब रहना और भी खतरनाक संकेत हैं। बताया जा रहा है कि नई नियुक्तियों से कई विधायक खुश नहीं हैं।
नाराज विधायकों का कहना है कि उनकी वरिष्ठता की साफसाफ अनदेखी कर इन पदों पर नियुक्तियां कर दी गयीं। हालांकि नेता प्रतिपक्ष की ओर से पदभार ग्रहण किए जाने के बाद विधानमंडल दल की बैठक लिए जाने की चर्चा थी। इसके लिए सभी विधायकों को बाकायदा देहरादून पहुंचने का अल्टीमेटम भी दिया गया था। गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी का कहना है कि बैठक की अनौ पचारिक सूचना जारी नहीं की गयी थी।
उत्तराखंड कांग्रेस में किसी तरह की फूट नहीं है। मेरे पदभार ग्रहण करने के दौरान कुछ विधायक अनुपस्थित रहे, लेकिन सभी ने कारण स्पष्ट कर दिया है। मुझे पार्टी ने सभी विधायकों के अभिभावक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है, मैं सभी को साथ लेकर आगे बढ़ूंगा और संरक्षण दूंगा। जिस किसी को नाराजगी होगी, मिल बैठकर सुलझा ली जाएगी। –यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष