
यमकेश्वर, 13 मार्च। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी की अदालत ने एक शिक्षका के साथ मारपीट, छेड़खानी के आरोपी प्रधानाचार्य व प्रवक्ता को दोषमुक्त कर दिया है। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ ठोस व प्रमाणिक साक्ष्य नहीं होने के चलते उन्हें दोषमुक्त करार दिया। शिक्षिका ने 17 जुलाई 2019 को अपने ही विद्यायल के प्रधानाचार्य व प्रवक्ता पर मारपीट व छेड़खानी के आरोप में अदालत में वाद दाखिल किया था।
फरवरी 2011 में तहसील यमकेश्वर के माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षिका की नियुक्ति हुई थी। वह नवंबर 2018 तक इसी विद्यालय में सेवारत रही। अदालत में दायर वाद में शिक्षिका ने बताया कि विद्यालय में सेवारत रहने के दौरान वह एकमात्र महिला शिक्षक तैनात थी। ऐसे में विद्यालय के प्रधानाचार्य व एक प्रवक्ता (आरोप के समय एलटी अध्यापक) ने उनके साथ मानसिक व शारीरिक रूप से लगातार उत्पीड़न किया।
अध्यापिका ने बताया कि प्रधानाचार्य व प्रवक्ता ने कई बार अश्लील हरकतों के साथ ही बेड टच व जबरन आलिंगन भी किया। इतना ही नहीं शिक्षिका ने अपने बचाव के लिए प्रकरण की जानकारी स्वजनों को बताने को कहा तो प्रधानाचार्य व प्रवक्ता ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता गजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पौड़ी लक्ष्मण सिंह की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस, गवाहों के बयान व साक्ष्यों का अवलोकन कर फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ मारपीट, छेड़खानी, जान से मारने की धमकी देने के आरोपों को लेकर ठोस व प्रमाणिक साक्ष्य नहीं होने पर प्रधानाचार्य व प्रवक्ता को दोषमुक्त करार दिया है।