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कुमाऊं विवि के पूर्व कुलपति प्रो. केएस राणा गिरफ्तार, ओमान हाई कमिश्नर बन उठा रहा था सरकारी लाभ

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आगरा, 14 मार्च। कुमाऊं विवि और आगरा कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर और कृष्णा कॉलेज के चेयरमैन प्रोफेसर केएस राणा को ओमान का फर्जी तरीके से हाई कमिश्नर बनकर प्रोटोकॉल लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मर्सिडीज़ कार भी बरामद की है, जिस पर ओमान का झंडा लगा हुआ था।

कई उच्च पदों पर रह चुके हैं केएस राणा
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल के मुताबिक, कृष्ण शेखर राणा आगरा यूनिवर्सिटी में 1982 से 2015 तक जूलोजी के प्रोफेसर रहे। उनका आगरा में कृष्णा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के नाम से कॉलेज और राजस्थान में एक रिजॉर्ट भी है। रिटायरमेंट के बाद आरोपी 2015 से 2018 तक केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में अप्रेजल अथॉरिटी थे, जहां इनका काम पर्यावरण से जुड़ी क्लियरिंग देना था। इसके बाद 2018 से 2024 तक कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल, वर्ष 2020-21 में अल्मोड़ा रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी, वर्ष 2021-22 में मेवाड़ यूनिवर्सिटी और जयपुर में टेक्निकल यूनिवर्सिटी में वर्ष 2022-24 तक वाइस चांसलर रहे। बीते साल अगस्त में उन्हें इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल नामक एनजीओ का सदस्य बनने के बाद ट्रेड कमिश्नर बनाया गया। उसके बाद से ही वह खुद को हाई कमिश्नर बताकर घूमने लगे और प्रोटोकॉल मांगने लगे। पुलिस का कहना है कि आरोपी का पीए फरार है, उसकी तलाश की जा रही है।

मई 2019 में बने थे कुमाऊं विवि के कुलपति
नालंदा राजकीय मुक्त विश्वविद्यालय पटना के पूर्व कुलपति प्रो.केएस राणा को कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति का चार्ज दिया गया है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की सहमति के बाद सचिव रमेश कुमार सुधांशु की ओर से प्रो.राणा की तैनाती को लेकर आदेश जारी किए गए। हालांकि, उन्हें यह चार्ज छह माह एवं स्थायी कुलपति की नियुक्ति तक दिया गया था। प्रो.डीके नौड़ियाल का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद कुमाऊं विवि के कुलपति का पद खाली हो गया था।

देवभूमि से मेरा जुड़ाव काफी पहले से रहा है और अब राज्य के विवि में कुलपति काम करने की जिम्मेदारी मिली है जो मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि कुमाऊं विवि शैक्षणिक गतिविधियों के बल पर देश में अपनी एक नई पहचान स्थापित करे।
-प्रो.केएस राणा, कुलपति कुमाऊं विवि।

पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने नौ मार्च को मथुरा में और बीते वर्ष 12 दिसंबर को फरीदाबाद में ओमान का हाई कमिश्नर बताकर प्रोटोकॉल लिया था। स्थानीय पुलिस को उनका पीए मेल पर सूचना देता था कि ओमान के हाई कमिश्नर डॉ. कृष्ण शेखर राणा विजिट पर आएंगे, उनके लिए नियमानुसार प्रोटोकॉल दिया जाए। आरोपी ने 11 मार्च को कौशांबी सेक्टर-एक निवासी अपनी बेटी के यहां जाने के लिए गाजियाबाद पुलिस और प्रशासन को मेल कर प्रोटोकॉल मांगा था। पुलिस को शक होने पर ओमान एंबेसी से संपर्क किया गया। वहां से जानकारी दी गई कि उनके यहां कृष्ण शेखर राणा नामक व्यक्ति का कोई संबंध नहीं है। पुलिस ने लिखित में भी ओमान एंबेसी से जवाब मांगा है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने अपनी मर्सिडीज कार पर 88 सीडी 1 नंबर प्लेट लगाई हुई थी। अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर हमारे देश में राजदूतों के वाहनों पर लगने वाली सीरीज के पहले दो अंक देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। आरोपी ने जो नंबर प्लेट लगाई, उसमें 88 नंबर ओमान का न होकर लीबिया का है। लीबिया का हमारे देश में दूतावास नहीं है। ऐसे में उसका राजदूत हमारे यहां तैनात ही नहीं है। इधर उनके गिरफ्तार होने के बाद आगरा में सभी आश्चर्यचकित हैं। यहां भी सभी उन्हें हाई कमिश्नर समझते थे। उनका गिरफ्तार होना चर्चा का विषय बना हुआ है।देश विदेश की ताजा खबरों के लिए देखते रहिये https://sarthakpahal.com/

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