
देहरादून, 1 दिसम्बर। यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार से सीबीआई ने करीब नौ घंटे पूछताछ की। सोमवार सुबह करीब 11.30 बजे बॉबी पंवार बसंत विहार स्थित सीबीआई दफ्तर पहुंचे थे। रात करीब 8.35 बजे सीबीआई दफ्तर से बाहर आए।
सीबीआई दफ्तर से बाहर आकर बॉबी पंवार ने कहा, महज 21 सितम्बर को हुई परीक्षा मामले की ही नहीं, बल्कि पूर्व में भर्ती परीक्षाओं में धांधली को भी सीबीआई जांच में शामिल करना चाहिए। साथ ही पूर्व में प्रकाश में आए नकल माफिया से पूछताछ कर निष्पक्ष जांच जरूरी है।
पंवार ने कहा, सीबीआई की जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। पूर्व में जो परीक्षाएं हुई थी उसमें तमाम धांधली उजागर हुई थी। गिरफ्तारियां भी की गई थी। सीबीआई को सिर्फ इस मामले की नहीं, बल्कि जिन-जिन के एवीडेंस हैं, उन सभी पूर्व की परीक्षा धांधली की भी जांच शामिल करनी चाहिए, जिससे नकल माफिया को सलाखों के पीछे भेजा जा सके।
कहा, हाल ही की परीक्षा से एक दिन पहले नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी की गिरफ्तारी हुई थी। इस जांच में उस एंगल पर भी काम होना चाहिए, जिन्होंने युवाओं के भविष्य को रौंदा है। उनकी निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई हो। कई नाम लेकर बॉबी ने कहा, पूर्व में भर्ती घोटालों में यूपी से मुसा पकड़ा गया था, तब सीबीआई जांच नहीं हुई।
कहा, सीबीआई को एवीडेंस उपलब्ध कराए गए हैं। सरकार से कहा, वह युवाओं की आंखों में धूल झोंकने का काम न करें। पूर्व के सभी भर्ती घोटालों की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। कहा, प्रदेश के एक एक गांव में जाकर यात्रा निकाली जाएगी। इस दायरे में आयोग के कर्मचारी, अधिकारी, माफिया हो जो शामिल है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
29 नवम्बर को हुई थी सुमन की गिरफ्तारी
गत 21 सितंबर को यूकेएसएसएससी ने स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई थी। परीक्षा के दौरान पेपर का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। बेरोजगार संघ ने आरोप लगाया कि यह पेपर लीक हुआ है। पुलिस ने रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया। जांच की तो पाया कि यह पेपर हरिद्वार के बहादरपुर जट स्थित सेंटर से बाहर आया था। पेपर को वहां मौजूद एक परीक्षार्थी खालिद ने पहले से केंद्र में छिपाए मोबाइल के माध्यम से अपनी बहन साबिया को भेजा। साबिया ने इसे सहायक प्रोफेसर सुमन चौहान को भेजा। सुमन ने यह पेपर बॉबी पंवार को भेज दिया।
सुमन टिहरी गढ़वाल के शहीद श्रीमति हंसा धनई राजकीय महाविद्यालय में पढ़ाती थी। पुलिस ने 22 सितंबर को सुमन चौहान को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद खालिद को गिरफ्तार कर लिया गया। प्राथमिक पड़ताल के बाद खालिद की बहन साबिया को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने जांच में पाया था कि सुमन इस षड्यंत्र में इरादतन शामिल नहीं हुई थी बल्कि उसे यह पता ही नहीं था कि यह पेपर किसी प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित है। ऐसे में उसे जांच में सहयोग के नाम पर छोड़ दिया गया था।
इस मामले में युवाओं ने आठ दिन तक सीबीआई जांच की मांग के लिए प्रदर्शन किया। इसके बाद धरनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की संस्तुति की थी। सरकार की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सीबीआई ने 26 अक्तूबर को मुकदमा दर्ज कर लिया था। अब सीबीआई ने प्राथमिक जांच में सुमन चौहान को षड्यंत्र में शामिल पाते हुए गिरफ्तार कर लिया है। उसे स्पेशल जज सीबीआई की अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।



