
देहरादून। नशा मुक्ति केंद्र के सीसीटीवी कैमरों को बंद कर केंद्र में भर्ती आठ युवकों को अपने साथ लेकर चला गया। संचालकों द्वारा पुलिस को दी गयी सूचना के आधार पर पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि सभी युवक अपने घर पहुंच गये हैं। घटना सात अक्टूबर की बताई जा रही है। किसी कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस ने गुरुवार को केंद्र से पूछताछ की।
एसएसआई वसंत विहार नंदलाल रूढ़ी ने सभी युवकों के घरों पर फोन पर उनकी जानकारी ली। पता चला है कि सभी युवक सुरक्षित अपने घरों में हैं। चकराता रोड स्थित केंद्र के संचालकों ने पुलिस को बताया कि सूरज नामक का एक कर्मचारी सभी युवकों को लेकर भागा था। पता चला है कि उसने अपना नशा मुक्ति केंद्र खोला है, जहां वो इन युवकों को अपने साथ ले जाना चाहता था, लेकन युवकों द्वारा अपने घर जाने की शर्त रखने की वजह से वह उन्हें अपने-अपने घरों में छोड़ गया। एसएचओ वसंत विहार ने केंद्र संचालकों को चेतावनी दी ही कि यदि भविष्य में इस तरह की कोई भी सूचना हो तो तत्काल पुलिस को सूचित किया जाय।
पहले भी विवादों में रहे हैं केंद्र
चकराता रोड स्थित नशा मुक्ति केंद्र पहले भी विवादों में रहा है। तीन साल इसी केंद्र से 18 लोग भाग गये थे। पिछले साल भी क्लेमेंटटाउन स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र से 17 युवक भागे थे। कुछ दिन बाद यहीं से युवतियों के साथ छेड़खानी का मामला भी उजागर हुआ था। नेहरू कालोनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भी संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवक की मौत हो चुकी है। बाद में पता चला कि उसकी हत्या की गयी थी। इस मामले में छह संचालकों पर हत्या का मुकदमा चल रहा है।
इन केंद्रों में शासन-प्रशासन की कोई गाइड लाइन नहीं
नशा मुक्ति केंद्रों से युवकों के भागने और युवतियों से छेड़खानी की खबरें सामने आने के बाद जांच शुरू हुई थी। पता चला था कि सभी केंद्रों में लोग संचालकों द्वारा की जा रही प्रताड़ना से परेशान थे। न तो यहां डाक्टरों की सुविधा थी और न ही साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त पाई गयी। पुलिस प्रशासन के रिकार्ड में भी इन नशा मुक्ति केंद्रों का ब्यौरा दर्ज नहीं किया गया है। शासन की तरफ से इन केंद्रों के कोई नियमावली नहीं बनाई गयी है। https://sarthakpahal.com/