
देहरादून। धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचने वाले सभी श्रद्धालु हर की पैड़ी पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद शहर की पहाड़ी पर स्थित दो शक्तिपीठ मां मनसा देवी और मां चंडी देवी जरूर जाते हैं। एक तरह जहां मां मनसा देवी बिल्व पर्वत पर विरजमान हैं, तो वहीं मां चंडी देवी नील पर्वत पर भक्तों को दर्शन देती हैं, लेकिन आज इन दोनों ही मंदिरों पर खतरा मंडरा रहा है।
बारिश से दरक रही हैं दोनों मंदिरों की पहाड़ियां
कुदरत ने इन दोनों पहाड़ियों को बहुत कच्चा कर दिया है। पहले तो सिर्फ मां मनसा देवी में ही भूस्खलन की खबरें आती थी, लेकिन अब नील पर्वत पर विराजमान माता चंडी देवी के पहाड़ भी दरकने लगे हैं। हाल ही में माता चंडी देवी मंदिर के पास हुए भूस्खलन के प्रशासन और आम श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन को सुरक्षा की दृष्टि से माता चंडी देवी मंदिर की यात्रा को भी तीन घंटे के लिए रोकना पड़ा।
20 से अधिक दुकानें अगले आदेश तक बंद
मामले की गंभीरता को देखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन ने फिलहाल चंडी देवी की 20 से अधिक दुकानों को अगले निर्देशों तक बंद रखने का आदेश दिया हैं। एक अनुमान के मुताबिक रोज 1000 से ज्यादा श्रद्धालु मां चंडी देवी के दर्शन करते हैं। नवरात्रों और स्पेशल आयोजनों पर तो ये संख्या कहीं अधिक बढ़ जाती है। पहले दोनों ही मंदिरों में जाने के लिए पैदल ही रास्ता होता था, लेकिन समय के साथ वहां सुविधाएं बढ़ती गई और रोपवे की व्यवस्था की गई। https://sarthakpahal.com/
किसी भी हालत में आस्था केंद्रों को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे। दोनों मंदिरों को बचाने के लिए जल्द ही कोई रास्ता निकाला जाएगा। अगर भविष्य में भी इस तरह के हालत बनते हैं, तो भक्तों की संख्या को भी सीमित किया जाएगा। विशेषज्ञों की टीम जल्द इस मामले पर अपनी रिपोर्ट प्रशासन को देगी।
‘धीरज गर्ब्याल, जिलाधिकारी, हरिद्वार