देहरादून, 7 सितम्बर। बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है. केंद्र सरकार ने IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से मुक्त कर दिया है. सरकार ने UPSC परीक्षा में OBC और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा के खिलाफ कार्रवाई की है. इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. साथ ही उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था.
बता दें कि पूजा खेडकर ने 2020-21 में ओबीसी कोटे के तहत ‘पूजा दिलीपराव खेडकर’ नाम से परीक्षा दी. 2021-22 में सभी अटेम्प्ट पूरे करने के बाद पूजा ओबीसी और PWBD (दिव्यांग व्यक्ति) कोटे के तहत परीक्षा में शामिल हुईं. तब उन्होंने ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ नाम का इस्तेमाल किया. पूजा ने ऑल इंडिया स्तर पर 821 रैंक हासिल की थी.
दरअसल, पूजाखेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान में हेराफेरी कर परीक्षा देने का प्रयास किया. इतना ही नहीं, पूजा खेडकर को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और CSE (सिविल सेवा परीक्षा) 2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद ये फैसला लिया गया. जिसमें अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करना भी शामिल है.
बता दें कि विवादों के बीच पूजा का ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था. पूजा को वाशिम जिले का असिस्टेंट कलेक्टर बनाया गया था. इसके बाद पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने मुख्य सचिव को लेटर लिखा था. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि 18 से 20 जून 2024 की अवधि में जब अपर कलेक्टर मंत्रालय में आए तो पूजा खेडकर ने अपर कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां सोफा, टेबल, सहित सभी सामग्री बाहर निकाल ली. इसके बाद राजस्व सहायक को बुलाकर उनके नाम का लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, राष्ट्रीय ध्वज, नेमप्लेट, शाही मुहर, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की है और मानसिक बीमारी होने का प्रमाण पत्र पेश किया है. पूजा को इस आधार पर विशेष रियायत मिली और वे आईएएस बन गईं. अगर उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके प्राप्त अंकों को देखते हुए उनका आईएएस बनना असंभव था.
इसके बाद यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक आपराधिक मामला भी शुरू किया. इसके बाद पूजा ने UPSC द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में पूजा ने दावा किया कि उन्होंने यूपीएससी को अपने नाम में हेरफेर या गलत जानकारी नहीं दी.