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5 शतक ठोकने के बाद भी 5 विकेट से हार गया भारत, इंडिया के माथे पर लगा बदनुमा दाग

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स्पोर्ट्स डेस्क, 24 जून। इंग्लैंड ने भारत को लीड्स के हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 5 विकेट से हरा दिया है. इस मैच में भारत ने पहली पारी 471 रन बनाए और इंग्लैंड को पहली पारी में 465 रन पर रोक दिया और 6 रनों की मामूली बढ़त हासिल की. भारत ने दूसरी पारी में 364 रन बनाकर इंग्लैंड को जीत के लिए 371 का लक्ष्य दिया और इंग्लैंड ने बेन डकेट के शतक, जैक क्रॉली और जो रूट के शानदार अर्धशतकों के चलते 82 ओवर में 5 विकेट खोकर 373 रन बनाकर 5 विकेट से जीत हासिल कर ली. इस हार के साथ भारत पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से पिछड़ गया है.

हेडिंग्ले में इंग्लैंड ने भारत को हराकर रचा इतिहास
इंग्लैंड ने हेडिंग्ले में भारत के खिलाफ 371 रनों का लक्ष्य हासिल कर इतिहास रच दिया. ये इंग्लैंड का ओवरऑल टेस्ट क्रिकेट में दूसरा सबसे हाईएस्ट सफल रन चेज है. इंग्लैंड का भारत के खिलाफ भी ये दूसरा सबसे बड़ा सफल रन चेज है. इसके साथ ही ये इंग्लैंड का हेडिंग्ले में टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज बन गया है. इससे पहले इंग्लैंड ने 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी मैदान पर अपना सबसे उच्चतम सफल रन चेज हासिल किया था. तब इंग्लैंड ने 359 रनों का सफल रन चेज हासिल किया था.

इन भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत गई बेकार
भारत की ओर से इस मैच में एक नहीं बल्कि चार-चार बल्लेबाजों ने शतक लगाए. भारत के लिए यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और केएल राहुल ने शतक लगाए. पंत ने तो दोनों पारियों में शतक लगाया. इन सभी की शतकीय पारियां भी भारत को जीत नहीं दिला पाईं. क्योंकि भारत के निचले क्रम के बल्लेबाज पूरी तरह से फ्लोप साबित हुए. इनके अलावा जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में फाइव विकेट हॉल भी हासिल किया लेकिन वो भी अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाए. क्योंकि बाकी गेंदाबजों ने उनका इतना साथ नहीं दिया.

5 शतक लगाने वाली टीम पहली बार हारी
भारत की तरफ से इस मैच में 5 शतक बने। पहली पारी में यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत ने शतक ठोका। दूसरी पारी में पंत के अलावा राहुल के बल्ले से शतक निकला। भारत एक टेस्ट में 5 शतक लगाने के बाद भी हार झेलने वाला पहला देश बन गया है। 1928/29 में ऑस्ट्रेलिया की टीम चार शतक लगाने के बाद भी एमसीजी में टेस्ट हारी थी।

डकेट और रूट ने इंग्लैंड को दिलाई जीत
इस मैच के पांचवें दिन जब भारतीय गेंदबाजों को 10 विकेट चाहिए थे तो वहीं इंग्लैंड को जीत के लिए 350 रनों की जरूरत थी. ऐसे में बेन डकेट ने 149 रनों की शतकीय पारी खेलकर भारत को जीत से दूर कर दिया. इसके बाद जब डकेट आउट हुए तो भारत के जीतने की उम्मीद जागी लेकिन जो रूट ने नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिला दी. भारत अगर डकेट और फिर रूट का विकेट जल्दी चटका लेता तो शायद मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था.

हारे मैच की पहली पारी में सबसे बड़ा स्कोर
इस मैच की पहली पारी में भारत ने 471 रन बनाए। यह हारे हुए टेस्ट मैच की पहली पारी में भारत का सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले टीम 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में 424 रन बनाने के बाद भी हार गई थी।

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