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नाबालिग ने हाईकोर्ट से मांगी गर्भपात की इजाजत

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प्रयागराज। नाबालिग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से गर्भपात कराने की इजाजत देने की मांग की है। एक रिश्तेदार के साथ संबंदों में आने से नाबालिग गर्भवती हो गयी थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए लाला लाजपत मेमोरियल मेडिकल कालेज मेरठ के प्राचार्य को निर्देश देते हुए चार डाक्टरों का बोर्ड गठित कर लड़की का परीक्षण करने को कहा है।

सीलबंद लिफाफे में दें रिपोर्ट
कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मेडिकल परीक्षण की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करें। इसके साथ कोर्ट ने एसपी बागपत को भी सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति चंद्र कुमार राय ने नाबालिग लड़की के पिता की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

चार डाक्टरों का बोर्ड गठित करने का आदेश
कोर्ट ने मेरठ मेडिकल कालेज के प्राचार्य से कहा कि वह नाबालिग लड़की के परीक्षण के लिए स्त्रीरोग, मनोरोग, रेडियोलाजी या सोनोलाजी और बाल रोड विभाग के डाक्टरों के चार सदस्यीय मेडिकल बोर्ड गठन करे और छह जून 2002 की सुबह 11 बजे नाबालिग लड़की का मेडिकल परीक्षण करायें। कोर्ट ने याची को भी मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।

यह है मामला
नाबालिग लड़की के एक रिश्तेदार से संबंध हो गये थे। लड़की ने अपने बयान में कहा कि उसने रिश्तेदार से शादी कर ली है। सोनोग्राफी रिपोर्ट के अनुसार उसे 16 सप्ताह और पांच दिन का गर्भ है। जानकारी होने पर लड़की के पिता ने रिश्तेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी।

याची ने मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 की धारा तीन के तहत गर्भ समाप्त करने की अनुमति मांगी। इस पर कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर गर्भपात की स्थिति जाननी चाही है। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पीड़ित और उसके पिता का नाम सार्वजनिक न हो।

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