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यमकेश्वर ब्लाक के दर्जनों गांव अभी भी भालू की दहशत में

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यमकेश्वर। यमकेश्वर ब्लाक के दर्जनों गांव पिछले कई महीनों से भालू (चरक) के आतंक से त्रस्त हैं। भालू  के आतंक से निपटने के लिए ग्राम सभा पोखरी (खरदूणी) के संकुल भवन में वन विभाग के रेंजर के साथ क्षेत्रीय जनप्रतनिधियों एवं ग्राम प्रधानों की एक बैठक हुई। पोखरी (खरदूणी) की प्रधान सुमन राना, गुमालगांव के प्रधान पति कल्याण सिंह रावत, उमरोली के प्रधानपति सुखपाल सिंह बिष्ट, उमड़ा के ग्राम प्रधान सत्य हर्षवाल सहित  गणमान्य लोगों ने विचार रखे। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष विनोद डबराल भी उपस्थित रहे।

वन विभाग के रेंजर का कहना है कि भालू के आतंक से छुटकारा पाने के लिए गांव में दो-दो, तीन-तीन आदमियों की टोलियां बनाकर मवेशियों की रखवाली की जा सकती है। बैठक में ग्राम प्रधानों ने भी अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

चुब्यानी गांव में भालू आज फिर आ धमका। भालू ने एक मवेशी की गर्दन पर हमला बोला, मगर वह बाल-बाल बच गई। तश्वीर आपके सामने है।

यमकेश्वर ब्लाक के उमरौली के प्रधान पति सुखपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि विभाग वाले इंतजार कर रहे हैं कि जब तक भालू के हमले में आदमी न मरे, तब तक भालू (चरक) को नहीं मारेंगे।

यमकेश्वर ब्लाक के गुमालगांव के प्रधानपति कल्याण सिंह रावत ने कहा वन विभाग द्वारा कहा गया है कि जो वन्यजीव के जो नियम हैं उनके अनुसार ही कार्यवाही होगी। वन्य जीव के नियमानुसार तो चरक को जिंदा पकड़ना चाहिए। भालू (चरक) ने हमला ही नहीं बल्कि अभी तो आतंक मचा रखा है।

यमकेश्वर ब्लाक के पोखरी की ग्राम प्रधान सुमन राना का कहना है कि भालू को मारने का तो कोई प्रावधान नहीं है। इनका कहना था कि जब भालू मनुष्यों पर हमलाकरेगा तब क्या होगा तो उनका कहना था कि ये ठंडेइलाके का है, कुछ दिन में चला जाएगा।

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